ताड़ोबा के जंगलों में दहशत का साया: 5 दिनों में बाघ के हमलों में 6 लोगों की मौत, आज बुजुर्ग महिला को बनाया शिकार
चंद्रपुर जिले में बाघों के हमलों का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ताज़ा मामला ताड़ोबा बफर जोन से सामने आया है, जहाँ आज सुबह एक 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला कचराबाई भरडे पर बाघ ने जानलेवा हमला कर दिया। महिला की मौके पर ही मौत हो गई। इस हमले के साथ ही बीते पांच दिनों में बाघों के हमलों में मरने वालों की संख्या छह हो गई है, जिससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह दिल दहला देने वाली घटना चिमूर तालुका के पळसगाव वनपरिक्षेत्र की है। बुधवार सुबह लगभग 8 बजे कचराबाई भरडे जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गई थीं। तभी अचानक झाड़ियों से एक बाघ निकला और उस पर हमला कर दिया। बाघ ने महिला को बुरी तरह घायल कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुँची। क्षेत्र में भारी तनाव का माहौल है, स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश और भय का माहौल व्याप्त है। लगातार हो रहे इन हमलों से ग्रामीणों में सरकार और वन विभाग के प्रति नाराज़गी भी देखी जा रही है।
5 दिन, 6 हमले, 6 मौतें – आखिर कब थमेगा यह खूनी सिलसिला?
ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प का बफर जोन इन दिनों मानो मौत का मैदान बन चुका है। बीते पांच दिनों में छह अलग-अलग व्यक्तियों को बाघों ने अपना शिकार बनाया है। यह सिलसिला जंगल के भीतर तेंदूपत्ता या इंधन के लिए जाने वाले ग्रामीणों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। वन्यजीव संरक्षण और मानव जीवन के बीच टकराव अब विकराल रूप लेता दिख रहा है।
प्रशासन और वन विभाग पर उठ रहे सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि बफर झोन में वन्यजीवों की चहलकदमी तो पहले से ही आम बात रही है, लेकिन हाल के दिनों में बाघों की आक्रामकता और मानव इलाकों में उनकी बढ़ती आवाजाही चिंता का विषय बन गई है। मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, लेकिन सवाल यह है कि क्या केवल मुआवजा देना ही काफी है?
इस दर्दनाक सिलसिले ने ताड़ोबा के शांत जंगलों को खौफ के साये में बदल दिया है। अब देखना यह होगा कि वन विभाग और प्रशासन इस गंभीर परिस्थिति से निपटने के लिए कितनी तत्परता और संवेदनशीलता दिखाते हैं।
