राजनीति अब करवट बदलने लगी है। बीते अनेक दिनों से दबी आवाज में भाजपा के पूर्व सांसद हंसराज अहीर के समर्थक पिछली लोकसभा में मिले पराजय के लिए अपने ही दल के नेता सुधीर मुनगंटीवार पर दोष मढ़ते दिखाई पड़ रहे थे। ऐसे में कल बुधवार को लोकसभा उम्मीदवारों की भाजपा की दूसरी सूची जारी हुई और इसमें जिले के पालकमंत्री और वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को चंद्रपुर लोकसभा क्षेत्र से मौका देने की घोषणा की गई। उन्हें टिकट मिलने की बात प्रसारित होते ही पुन: एक बार पूर्व केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर के समर्थकों में गजब की नाराजगी दिखाई पड़ी।
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कल जैसे ही पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के नाम की घोषणा हुई, तो उनके समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं में उत्साह उमड़ पड़ा। वहीं दूसरी ओर हंसराज अहीर के समर्थकों में नाराजगी के सुर दिखे। इस घोषणा के दौरान मंत्री सुधीर मुनगंटीवार अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में थे।
पिछले कुछ दिनों से मुनगंटीवार ने चंद्रपुर लोकसभा क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों और कार्यक्रमों का शुभारंभ व भूमिपूजन किया था। इसलिए राजनीतिक क्षेत्र में चर्चा थी कि भाजपा के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार चंद्रपुर लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार रहेंगे। वहीं, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर भी लोकसभा टिकट के लिए प्रयासरत थे।
बताया जाता है कि पिछले कुछ दिनों से मुनगंटीवार की लोकसभा चुनाव लड़ने की कोई इच्छा नहीं है। मीडिया से बात करते हुए वह कह रहे थे कि अगर पार्टी आदेश देगी तो वह लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरेंगे।
विसापुर के बॉटनिकल गार्डन के उद्घाटन समारोह में पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से अनुरोध किया। लोकसभा में लड़ने की जरूरत नहीं है। अब आप मुझे राज्य में रोकने का प्रयत्न करें। हालांकि, आखिरकार बीजेपी के दिल्ली नेताओं ने मुनगंटीवार को आदेश दे दिया।
बुधवार को घोषित दूसरी सूची में भी उनका नाम सामने आया। मुनगंटीवार 1987-88 से राजनीति में सक्रिय हैं। साल 1989 में मुनगंटीवार ने चंद्रपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, हालांकि, कांग्रेस के पूर्व वित्त राज्य मंत्री शांताराम पोटदुखे ने उन्हें पराभव किया। 1995 में उन्होंने चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र पर फोकस किया। 2004, 2009, 2014, 2019 में लगातार चुनाव जीते। निर्वाचन क्षेत्र पुनर्गठन में, पिछले तीन विधानसभा चुनावों में, उन्होंने बल्लारपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
लेकिन अबकी बार मिले लोकसभा टिकट को लेकर उनके भाजपा खेमे से ही नाराजगी की सुर निकलने लगे है। हंसराज अहीर समर्थकों का दिल जीत पाना मुनगंटीवार के लिए सबसे टेढी खीर है। वहीं कांग्रेस के सीट पर किसको मौका मिलेगा और मुनगंटीवार के प्रतिद्वंद्वी कौन होंगे, यह बता पाना अभी मुश्किल है। तमाम अटकलों के बीच मुनगंटीवार को इस बार लोकसभा की सीट जीतना आसान काम नहीं होगा। सर्वत्र व्याप्त चर्चाओं के अनुसार अहीर समर्थक भी अपना हिसाब चुकता करने के लिए प्रयासरत होने की बात कही जा रही है।