कोयला आपूर्ति व परिवहन के क्षेत्र में काम करने वाली ‘स्वामी फ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड’ नामक यह गैरसरकारी कंपनी 16 सितंबर 2010 से कार्यरत है। 31 मार्च 2020 के बैलेंस शीट के अनुसार इसकी कुल अधिकृत पूंजी 8 करोड़ है। लेकिन हैरत की बात है कि 8 करोड़ की क्षमता वाली इस कंपनी ने महज 2 साल बाद अर्थात 7 अक्तूबर 2022 को 5 करोड़ रुपये चुनावी चंदे के रूप में दान कर दिये।
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देश में उठा इलेक्टोरल बॉन्ड का बवंडर थमने का नाम ही नहीं ले रहा। राजनीतिक दलों को मिले चंदे में चंद्रपुर का कनेक्शन होने की एक खबर कल प्रसारित की गई थी। जिसमें कुल 7 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड वरोरा-चंद्रपुर-बल्लारपुर टोलरोड लिमिटेड नामक कंपनी द्वारा दिये जाने की जानकारी को उजागर किया गया था। SBI की सूची में अब एक और नाम उजागर हुआ है। चंद्रपुर के कोयला व्यापार से संबंधित और हमेशा से विवादों में रहे स्वामी फ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने 7 अक्तूबर 2022 को कुल 5 बॉन्ड खरीदे। एक-एक करोड़ के यह बॉन्ड कंपनी पर हुए आयकर की कार्रवाई और देश के चर्चित कोयला घोटाले के उजागर होने के बाद खरीदे गये। कुल 5 करोड़ की यह धनराशि चंद्रपुर से राजनेताओं के जेब तक पहुंची हैं।
ज्ञात हो कि वरोरा-चंद्रपुर-बल्लारपुर टोलरोड लिमिटेड नामक कंपनी ने राजनीतिक दल को 7 करोड़ का चंदा देने के लिए 20 नवंबर 2023 को एक-एक करोड़ के कुल 7 इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे। अब स्वामी फ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी से 5 करोड़ का धन राजनेताओं तक पहुंचा है। यह कंपनी कोयले के क्षेत्र के व्यापार करती है। इस कंपनी पर अनेक बार गंभीर आरोप लग चुके हैं। कार्य व वित्तीय अनियमितताओं के चलते आयकर एवं अन्य विभागों के निशाने पर यह कंपनी रही है। इसके बावजूद राजनीतिक दलों ने इनसे चंदा लिया। तब से कंपनी के खिलाफ चल रही सरकारी कार्रवाई पर विराम लगा हुआ है। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दर्ज सूची के अनुसार भाजपा को 1-1 करोड़ कीमत वाले कुल 5854 बाॅन्ड मिले हैं।
वर्ष 2010 में पंजीकृत ‘स्वामी फ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी को नागपुर के रामदासपेठ के लेंड्रा पार्क के पास स्थित एक कार्यालय से संचालित किया जा रहा है। चंद्रपुर शहर के वड़गांव में भी इसका एक कार्यालय मौजूद है। कंपनी के स्थापना के समय से इसके संचालकों में रणजीत सिंह छाबड़ा, श्यामसुंदर मित्तल एवं संदीप अग्रवाल का नाम शामिल है। लेकिन विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार नितीन उपरे नामक कोयला व्यवसायी इस कंपनी के तमाम कार्यकलापों में सक्रियता से सहभागी होने की जानकारी प्राप्त हुई हैं।