पिछली बार की तरह इस बार भी लोकसभा चुनावों के दौरान जिले के बहुसंख्यक OBC और खासकर कुणबी व तेली समाज के वोट निर्णायक साबित होंगे। इस बहुसंख्यक समाज का जनाधार किसको मिलेगा, यह तो वक्त ही बतायेगा। फिलहाल बहुसंख्य समाज के लोग इस चुनाव को लेकर अपने-अपने पसंद के उम्मीदवारों की चर्चा करने में व्यस्त हैं। इस बीच आज सुबह जब कांग्रेस नेता प्रतिभा धानोरकर नागपुर हवाई अड्डे पर पहुंची तो उन्होंने हिटरशाही को हराने और लोकतंत्र को जीताने के लिए संघर्ष करने की बात कही।
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चंद्रपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र यह ओबीसी बहुल है। वणी, आर्णी एवं वरोरा इन तीन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में सर्वाधिक कुणबी मतदाता हैं। इसलिए यहां के प्रत्येक चुनावों में कुणबी मतदाता निर्णायक साबित होते हैं। कुणबी वोटों के कारण ही वर्ष 2019 में बालू धानोरकर जीत पाये थे। इन क्षेत्रों में आंबेडकरी आंदोलनों का काफी प्रभाव है। वर्ष 2009 में निर्वाचन क्षेत्र पुनरर्चना के तहत यवतमाल जिले के वणी व आर्णी इन दोनों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को चंद्रपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में शामिल किया गया। चंद्रपुर के 4 एवं यवतमाल जिले के 2 इस तरह से कुल 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों से मिलकर चंद्रपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र बना है।
चंद्रपुर लोकसभा का चुनाव आसान नहीं। संघर्ष किये बिना इंसान बड़ा नहीं होता। पूर्व सांसद व पति बालू धानोरकर की तरह ही अविरत संघर्ष जारी रहेगा। यह बयान चंद्रपुर-वणी-आर्णी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिभा धानोरकर ने दिया। वे नागपुर हवाई अड्डे पर मीडिया के साथ बोल रही थी।
महाविकास आघाडी में चंद्रपुर की सीट को लेकर पेच बना हुआ था। दिवंगत सांसद बालू धानोरकर की पत्नी प्रतिभा धानोरकर व विरोधी दल नेता विजय वडेट्टीवर की सुपुत्री शिवानी ने इस सीट के लिए उम्मीदवारी का दावा किया था। जबकि प्रतिभा धानोरकर का दावा प्रबल था। लेकिन वडेट्टीवार ने अपनी संपूर्ण शक्ति लगा दी थी। आखिरकार रविवार शाम कांग्रेस ने इस संदर्भ में अंतिम निर्णय लेते हुए प्रतिभा धानोरकर को उम्मीदवारी दी। आज वे जब नागपुर हवाई अड्डे पर पहुंचे तो उनका जंगी स्वागत कार्यकर्ताओं ने किया।
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए प्रतिभा धानोरकर ने कहा कि उनकी उम्मीदवारी के लिए सभी गुटों ने एवं सहयोगी दलों ने सहयोग किया। पति दिवंगत बालू धानोरकर की तरह ही उन्हें भी उम्मीदवारी पाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। चंद्रपुर का चुनाव आसान नहीं, लेकिन संघर्ष किये बिना कोई मकाम हासिल नहीं होता। आगे भी उनका संघर्ष जारी रहेगा। विजय वडेट्टीवार के संदर्भ में पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि यदि उन्हें उम्मीदवारी मिली होती तो वे स्वयं उनका प्रचार करने गयी होती। अब जब उन्हें स्वयं उम्मीदवारी मिली है तो वे प्रचार के लिए आयेंगे। यह चुनाव हुकूमशाही के खिलाफ लोकशाही का है। उम्मीदवारी आवेदन भरने के समय वे स्वयं वडेट्टीवार को न्योता देंगे।
ज्ञात हो कि वर्ष 2019 के पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान जब कांग्रेस की टिकट दिवंगत बालू धानोरकर के लिए घोषित की गई थी, तब भी वह दिन 24 मार्च ही था। पश्चात वे कांग्रेस के टिकट पर विजयी हुए। अब इस दिन अर्थात 24 मार्च को उनकी पत्नी प्रतिभा धानोरकर को इस वर्ष 2024 में कांग्रेस की अधिकृत उम्मीदवारी दी जा चुकी है।