यूं तो चंद्रपुर लोकसभा के परिणामों ने न केवल चंद्रपुर जिले की जनता को आश्चर्यचकित किया, बल्कि महाराष्ट्र के पटल पर भी यह चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रदेश के दिग्गज समझे जाने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता व मंत्री Sudhir Mungantiwar को ढाई लाख से अधिक वोटों से करारी हार का सामना करना पड़ा। हार के अनेक कारणों पर भले ही मंथन चल रहा हो, लेकिन मुनगंटीवार के करीबियों का मूल्यांकन भी जरूरी है। भाजपा जिलाध्यक्ष देवराव भोंगले एवं भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक बोढे को मंत्री मुनगंटीवार ने न केवल बड़े-बड़े पद दिये, बल्कि राजनीतिक कद बढ़ाने से जिले के बड़े उद्योगों से करोड़ों के ठेके भी दिलवाये। बदले में इन करीबियों ने क्या फल दिया ? भोंगले व बोढ़े घुग्घुस की जिन बस्तियों में रहते हैं, जिन पड़ोसियों के साथ रोज मिलते-जुलते हैं, उनका भी दिल वे जीत नहीं पाएं। अपने ही बस्ती के वासियों के वोट वे मंत्री मुनगंटीवार को नहीं दिला पाएं, यह बेहद आश्चर्य की बात है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान भोंगले राजुरा के टिकट पर कैसे चुनाव जीत पाएंगे ? यह सवाल जिले में चर्चा का विषय बनता जा रहा है।
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जिले की औद्योगिक नगरी के रूप में घुग्घुस प्रसिद्ध हैं, इसलिए इस शहर की गतिविधियों पर जिले का ध्यान लगा रहता है। घुग्घुस में कुल 21 प्रभाग हैं। यहां करीबन 32 हजार मतदाता हैं। इस बार के लोकसभा चुनावों में जब 19 अप्रैल को प्रथम चरण का मतदान हुआ तो कुल 28 बूत रखे गये थे। यहां करीब 14 हजार मतदाताओं ने वोट दिया अर्थात 54 प्रतिशत मतदान हुआ। कुल मिलाकर कांग्रेस उम्मीदवार Pratibha Dhanorkar को 9,663 वोट मिले, तो भाजपा उम्मीदवार सुधीर मुनगंटीवार को 4,844 वोट मिले। अर्थात मुनगंटीवार को घुग्घुस से भोंगले एवं बोढ़े के रहते हुए भी 4,810 वोट से पिछड़ जाना पड़ा।
घुग्घुस शहर के श्रीराम वार्ड में रहने वाले 1,184 मतदाताओं में से 640 नागरिकों ने मतदान किया। यहां से भाजपा के उम्मीदवार सुधीर मुनगंटीवार को 234 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिभा धानोरकर को 400 वोट मिले। गौरतलब है कि इसी श्रीराम वार्ड में जिले के भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार के सबसे करीबी समर्थक व सहकारी देवराव भोंगले का भी निवास स्थान है। इनकी हर राजनीतिक गतिविधि इसी बस्ती से संचालित होती है। इसके बावजूद भाेंगले अपने राजनीतिक गुरू को अपनी ही बस्ती से वोट नहीं दिला पाएं। इसके चलते मुनगंटीवार को भोंगले के पड़ोसियों से अर्थात 166 वोटों से पिछड़ना पड़ा। यह तथ्य न केवल चिंता का विषय है, बल्कि भाजपा और मुनगंटीवार के लिए चिंतन करने का भी विषय है।
मंत्री मुनगंटीवार के दूसरे करीबी समर्थक एवं देवराव भोंगले के बिजनेस पार्टनर-सुपरवाइजर विवेक बोढे को न केवल भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष पद की सौगात दी गई बल्कि उन्हें उद्योगों के करोड़ों के ठेकों को संचालित करने तथा अपने शिक्षक के पेशे में स्कूल से अनुपस्थित रहने की छूट के साथ राजनीति चमकाने का भी मौका दिया गया। शिक्षक बोढे घुग्घुस के केमिकल वार्ड में रहते हैं। यहां कुल 668 मतदाताओं में से 396 मतदाताओं ने मतदान किया। इनमें से 249 वोट कांग्रेस को तथा 132 वोट भाजपा को मिले। मतलब साफ है कि 117 वोट से मंत्री मुनगंटीवार विवेक बोढे के वार्ड से पिछड़ गये।
भाजपा के देवराव भोंगले और विवेक बोडे हर साल फिल्मी अभिनेत्रियों को बुलाकर बड़े इवेंट आयोजित करते हैं। घुग्घुस शहर के हर चौराहों पर बड़े पैमाने पर विशाल होर्डिंग्स लगाते हैं। रक्तदान शिविर, हल्दी-कुमकुम कार्यक्रम, वाण-उपहारों की भेंट, मुनगंटीवार के जन्मदिन पर मेघा मेडिकल कैम्प, गरीबों को राशनकार्ड, श्रमकार्ड, आयुष्मान कॉर्ड, ऐसे अनेक सरकारी उपक्रम चलाते हुए जनता की सहायत करने में अव्वल होने का दावा करते हैं। पालकमंत्री सेवा केंद्र चलाकर मीडिया में बने रहते हैं। सोशल मीडिया पर सदैव छाये रहने के लिए प्रयासरत होते हैं। लेकिन इन तमाम उपक्रमों में काम कम, दिखावा ज्यादा होने की बात लोग कहते आये हैं। बीते अनेक दिनों से इन्हीं उपक्रमों के बल पर देवराव भोंगले राजुरा के विधानसभा सीट के लिए भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने और टिकट कन्फर्म होने का दावा करने की चर्चा उनके ही कार्यकर्ताओं द्वारा की जाती रही है। भोंगले की गतिविधियां भी राजुरा से चुनाव लड़ने की ओर इशारा करती हैं। घुग्घुस के तर्ज पर राजुरा में भी सुधीर मुनगंटीवार सेवा केंद्र शुरू किया गया। इसके बावजूद उनके राजनीतिक गुरू मुनगंटीवार घुग्घुस और राजुरा में बुरी तरह से पिछड़ गये। ऐसे में अब भोंगले को राजुरा विधानसभा सीट के लिए भाजपा से टिकट कैसे मिल पाएगी, यह सवाल भाजपा के खेमे में ही चर्चा का विषय बना हुआ है।
भाजपा के इन हालातों के विपरीत घुग्घुस शहर के सबसे बड़े वार्ड क्रमांक 6 के तुकडोजी नगर में कांग्रेस नेता राजू रेड्डी रहते हैं। यहां के 3268 मतदाताओं में से 1941 ने मतदान किया। इनमें से कांग्रेस को 1197 वोट तथा भाजपा को 678 वोट मिले। अर्थात 510 वोटों से कांग्रेस यहां आगे रही। वर्ष 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष राजू रेड्डी की अध्यक्षता में स्थानीय कांग्रेस ने बेहतर काम किया। इन दोनों चुनावों में कांग्रेस, भाजपा पर भारी पड़ी। मुख्य रूप से कांग्रेस नेता रोशन पचारे, लक्ष्मण सदलवार, मुरली चिंतलवार, सुधाकर बंदुरकर, पवन अगदारी, सैयद अनवर, हेमंत उरकुडे, आलिम शेख के अलावा अनेक पदाधिकारी व महिला पदाधिकारियों ने कांग्रेस को जीत दिलाने में अथक परिश्रम किया।