PWD की अनदेखी : 8 माह से शुरू न हो सका घुग्घुस-मुंगोली पुल का निर्माण
बीते 2 वर्षों से नौनिहाल बच्चे अपने शैक्षणिक जीवन में समस्याएं झेल रहे हैं। 2 साल पहले घुग्घुस-मुंगोली वर्धा नदी पुल का एक पिलर टेढ़ा हो गया। इसके बाद से भारी वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी गई। स्कूल बस भी यहां से गुजर नहीं सकती। इसलिए पुल को दोनों सीरे पर 2 स्कूल बसें रखकर नन्हें विद्यार्थियों को पुल से पैदल चलाकर इन बसों से स्कूल और घर तक पहुंचाने का काम चल रहा है। इसके बावजूद प्रस्तावित पुल की निधि PWD को WCL Wani Area की ओर से सुपुर्द किये जाने के बावजूद गत 8 माह से पुल के निर्माण का कार्य शुरू नहीं किया जा सका। बारिश में बाढ़ का पानी बढ़ते ही विद्यार्थियों का स्कूल जाना बंद करा दिया जाता है। आखिर नौनिहाल बच्चों के शैक्षणिक जीवन के साथ यह खिलवाड़ कब तक चलेगा ?
Whatsapp Channel |
ज्ञात हो कि वेकोलि के मुंगोली, कैलासनगर, कोलगांव, साखरा और अन्य गांवों के अनेक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने के लिए घुग्घुस स्थित स्कूलों में आते हैं। इसके अलावा इलाज हेतु मरीजों को भी घुग्घुस और चंद्रपुर जाना होता है लेकिन पिछले दो सालों से घुग्घुस-मुंगोली मार्ग के वर्धा नदी के 9 पिलरों में से 5 वें क्रमांक का पिलर झूक जाने कारण सिर्फ़ इस पुलिया पर से दोपहिया वाहनों को ही आवागमन की अनुमति दी गई हैं।
इस क्षेत्र के अनेक छात्रों को घुग्घुस के स्कूलों से पुलिया तक ले जाया जाता हैं और बस चालक उन छात्रों के हाथ थामकर पुलिया पर पैदल नदी के दूसरे छोर पर खड़े बस तक छोड़ता है। यह प्रकिया लगातार दो सालों से जारी है। हाल ही में हुई लगातार बारिश के चलते वर्धा नदी उफान पर थी तो इन छात्रों का स्कूल जाना भी बंद हो गया था।
बताया जाता है कि इस मुंगोली पुलिया बंद होने के कारण वेकोलि प्रबंधन को सालाना करोडों का नुकसान हो रहा है। इस बात को ध्यान में रखकर वेकोलि वणी क्षेत्र की प्रबंधन ने PWD विभाग को इस वर्ष के जनवरी माह में दोबारा इस वर्धा नदी के पुलिया निर्माण के लिए करोडों की राशि मुहैय्या कराई। लेकिन PWD विभाग कुंभकर्ण के नींद में सोयी हुई हैं। राशि उपलब्ध कराए 8 महीने हो गए लेकिन PWD प्रबंधन अब तक हरक़त में नहीं आयी है।
घुग्घुस समीपस्थ मुंगोली मार्ग पर करोड़ों की लागत से 30 वर्ष पूर्व अर्थात वर्ष 1994 में वर्धा नदी पर 9 पिलर वाले पुल का निर्माण किया गया गया। इस पुल के 9 पिलरों में से 5 वे क्रमांक का पिलर 2 वर्ष पूर्व 8 दिसंबर 2022 को एक ओर झुक गया। इसके चलते इस मार्ग से गुजरने वाले चंद्रपुर- यवतमाल जिलों के राहगीर तथा वेकोलि वणी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मुंगोली, कोलगांव और पैनगंगा आदि कोयला खदानों से निकलने वाले हजारों टन कोयला परिवहन के वाहनों को अब 40 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर, सिंदोला-सिरपुर-चारगांव मार्ग होकर घुग्घुस रेलवे साइडिंग पर पहुंचना पड़ता है। इस मार्ग की सड़क खराब होने के चलते प्रतिदिन मात्र लगभग 10 से 15 हज़ार टन कोयले का परिवहन ही संभव हो पा रहा है। इससे वेकोलि प्रबंधन और इस क्षेत्र में कोयला परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टरों को काफ़ी नुकसान वहन करना पड़ रहा है।
सांसद धानोरकर से ध्यान देने की मांग
क्षेत्र के नागरिकों को लगातार दो वर्षों से हो रही दिक्कतों को ध्यान में रखकर जल्द से जल्द पुलिया निर्माण कार्य शुरू करने की मांग की जा रही हैं। यह क्षेत्र कांग्रेस नेता व सांसद प्रतिभा धानोरकर के कार्यक्षेत्र में आता है। वेकोलि यह केंद्र सरकार की इकाई है, इसलिए इस मसले को सांसद की ओर से गंभीरता से लेकर इसे हल करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। स्थानीय नागरिकों की अपेक्षा है कि MP Pratibha Dhanorkar इस पुल के निर्माण की रुकावटों पर तत्काल अपना ध्यान केंद्रीत कर इस पुल का निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए यथाशीघ्र पहल करें।