चंद्रपुर जिले के नगभीड़ तहसील के तळोधी वनपरिक्षेञ अंतर्गत आनेवाले ‘सातबहिणी’ पर्वत, जिसे पेरजागड के नाम से भी जाना जाता है, पर पिछले कुछ महीनों में कई दुर्घटनाएं घटित हुई हैं। इन घटनाओं में मुख्य रूप से मधुमक्खियों के हमलों में बड़ी संख्या में पर्यटक घायल हुए हैं। हाल ही में, पर्वत की ओर जाने वाले मार्ग पर भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में सैकड़ों पर्यटक फंस गए थे। वर्तमान में क्षेत्र में मानसून का मौसम चल रहा है, जिसके कारण वन विभाग ने पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सातबहिणी पर्वत पर अनिश्चितकालीन पर्यटन प्रतिबंध लगाया है।
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Seven sister’s Hill Tourist Spot, तळोधी वनपरिक्षेत्र के गोविंदपूर उपवनक्षेत्र में आता है। यह पर्वत पर्यटन के लिए बारह महीने खुला रहता है, जिससे यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। लेकिन, पिछले कुछ महीनों में, यवतमाल जिले के वणी से आए पर्यटकों पर मधुमक्खियों के हमले की घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। इसके बाद नागपुर से आए कुछ छात्रों पर भी मधुमक्खियों ने हमला किया, जिससे वे घायल हो गए।
15 अगस्त को क्षेत्र में भारी बारिश के कारण, पर्वत की ओर जाने वाले रास्तों पर बाढ़ आ गई। इस बाढ़ में कई पर्यटक फंस गए थे। सूचना मिलने पर पुलिस और वन विभाग के अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकालने में सफल रहे। वर्तमान में, मानसून के कारण क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बन सकती है, जिससे पर्यटकों को खतरा हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए, सातबहिणी पर्वत को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है, और यह प्रतिबंध एक से डेढ़ महीने तक जारी रह सकता है।
वन विभाग के अनुसार, इस क्षेत्र में वन्यजीवों की सक्रियता बढ़ गई है और मधुमक्खियों के हमले में अब तक कई पर्यटक घायल हो चुके हैं। हालिया घटनाओं को देखते हुए, सातबहिणी पर्वत पर पर्यटन पर रोक लगाई गई है, जो पर्यटकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
– अरुप कन्नमवार, वनपरिक्षेत्राधिकारी, तळोधी बा.