दुष्कर्मों की वारदातों से देश में कोहराम मचा है। बंगाल के कोलकाला में महिला डॉक्टर से हुई निर्मम वारदात के बाद यह आग महाराष्ट्र तक पहुंच गई। और फिर धीरे-धीरे देश भर में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला चल पड़ा है। बंगाल के उबाल के बाद महाराष्ट्र में बवाल मच गया है। क्योंकि महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर में 2 छात्राओं से यौन उत्पीड़न की खबरों ने समूचे देश को दहला दिया। वहीं इसकी आंच चंद्रपुर को लग ही रही थी कि चंद्रपुर जिले के नागभीड़ से खबर आयी कि 5 आरोपियों ने मिलकर एक मनोरोगी महिला को अपनी हवस का शिकार बनाया। न केवल दरिंदगी की हदें पार की बल्कि इस घिनौनी करतूत का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया। इसके अलावा 5 माह पूर्व पास्को में नामजद शिक्षक को चंद्रपुर पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर पायी। उधर, अमरावती, अकोला, वाशिम, बुलढाना की वारदातों से भी महाराष्ट्र थर्राने लगा। कुल मिलाकर बंगाल को घेरने की ताक पर बैठी भाजपा चंद आंदोलनों के बाद महाराष्ट्र की वारदातों के बाद शिथिल पड़ गई और महाविकास आघाड़ी ने आक्रामक रुख अपना लिया। आज पुणे में महाविकास आघाड़ी के सभी दलों के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इसमें चंद्रपुर जिले के कांग्रेस के नेताओं का भी योगदान रहा।
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बताया जाता है कि बुलढाना जिले के किनगांव राजा पुलिस स्टेशन के वरदाडी में गुरुवार को गुरु-शिष्य के रिश्ते को तार-तार करने वाली घटना सामने आई। एक टीचर ने क्लास में पढ़ने वाली 3 लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की। बीते गुरुवार को अमरावती के चपरासीपुरा के एक स्कूल में शिक्षक द्वारा ही नाबालिग छात्रा के विनयभंग का चौंकाने वाला मामला सामने आया। वहीं अकोला शहर में एक और अपमानजनक घटना सामने आई है। शुक्रवार को 10 वर्ष की बच्ची के साथ उसके मामा द्वारा दुष्कर्म करने की घटना सामने आई। चंद्रपुर जिले के घुग्घुस पुलिस स्टेशन के अंतर्गत पिछले साल अप्रैल 2023 में 3 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी सुरज प्रभाकर तुराणकर (30 वर्ष) को गुरुवार, 22 अगस्त को जिला सत्र न्यायालय ने 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। चंद्रपुर जिले के तलोधी (बा.) पुलिस स्टेशन के तहत आने वाले एक गाँव के विद्यालय में 10वीं कक्षा की एक छात्रा के साथ विद्यालय के ही एक शिक्षक द्वारा अश्लील भाषा का प्रयोग करते हुए अभद्र व्यवहार किया गया। इन तमाम तरह की वारदातों से महाराष्ट्र सरकार और खासकर गृह विभाग की परेशानियां बढ़ गई है। लगातार महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे है।
बीते सप्ताह भर से कोलकाता (Kolkata) और बदलापुर (Badlapur) की वारदातों पर सर्वत्र विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच दैनिक सकाल अखबार ने चंद्रपुर का एक सनसनीखेज मामला उजागर किया। इसमें उन्होंने जानकारी दी कि एक नाबालिग बच्ची के साथ दुराचार होने के बाद जब यह मामला पुलिस तक पहुंचा तो पहले पुलिस ने अपराध दर्ज करने से मना कर दिया। इसके 24 घंटों बाद पुलिस ने अपराध दर्ज किया। आरोपी शिक्षक का मोबाइल लोकेशन उपलब्ध होने के बावजूद पुलिस उस आरोपी तक नहीं पहुंच पायी। और आखिरकार वह आरोपी शिक्षक बीते 5 माह से लापता है। लेकिन हैरत की बात है कि चंद्रपुर के संवेदनशील समाजसेवक, राजनेता, जनप्रतिनिधि, जागरुक नागरिक सभी ने इस मसले पर चुप्पी साध ली है।
जबकि महाराष्ट्र में बदलापुर के स्कूल में बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर महाविकास अाघाड़ी गठबंधन ने शनिवार को पुणे में विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (यूबीटी) ने सरकार के खिलाफ इस मामले को लेकर मोर्चा खोल दिया। आघाड़ी के नेताओं ने राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया था, जिस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। इसके बाद, इन दलों ने पूरे महाराष्ट्र में धरना देने का निर्णय लिया। धरने के दौरान, कांग्रेस ,एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (UBT) के नेता और कार्यकर्ता काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन में शामिल हुए। उनके साथ सांसद प्रतिभा धनोरकर भी धरने में शामिल हुईं। इस विरोध प्रदर्शन में विधायक सुभाष धोटे, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रितेश उर्फ रामू तिवारी, एनसीपी (शरदचंद्र पवार) जिला कार्यकारी अध्यक्ष बेबीताई उइके, शहर जिला अध्यक्ष दीपक जयसवाल, शिवसेना (UBT) प्रमोद पाटिल और महाविकास अघाड़ी के अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
बदलापुर और राज्य में लड़कियों पर हो रहे अन्याय और अत्याचार के विरोध में मुह पर काली पट्टी बांधकर धरना प्रदर्शन किया गया। इस आंदोलन में बल्लारपुर के पूर्व अध्यक्ष घनश्याम मूलचंदानी, दिलीप मकोडे, मनश्री गिरे, सिक्की यादव, बादल उराडे, मेघा भाले आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। इस प्रदर्शन में शहर अध्यक्ष करीम भाई, पप्पू पाठक, छाया माडावी, गोरघाटे ताई, ज्योति गहलोत, सुनीता मकोड़े, भुक्या ताई, मीनाक्षी गलघट, पप्पू पाठक, भास्कर मकोड़े, नाना बुंदेल, इस्माइल ढाकवाला, महेश सदला, रवि बज्जला, अंकित नीवलकर, प्रीतम पाटिल, प्रणेश आमराज, प्रशांत गड्डला, मेहमूद पठान, फारूख भाई, सुरेश चौधरी, दौलत बुंदेल, सादिक भाई, सुरेश बप्पनवार, प्रदीप मुरकुटे और महाविकास आघाड़ी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।