कोर्ट में एक प्रकरण न्यायप्रविष्ठ था। इसका फैसला आने के पूर्व ही बिना कोई सूचना दिये चंद्रपुर के तहसीलदार विजय पवार (Tehsildar of Chandrapur, Vijay Pawar) द्वारा जब्त किये गये ट्रक की नीलामी की गई। इस प्रकरण में (Nagpur Bench of Bombay High Court) मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने (Chandrapur District Magistrate Vinay Gowda) चंद्रपुर के जिलाधिकारी विनय गौडा को फटकार लगाई। साथ ही याचिकाकर्ता और उस ट्रक के खरीदार को बुलाकर इस प्रकरण को सुलझाने के निर्देश न्यायालय ने दिये। 30 अगस्त 2024 के HC की इस फटकार और निर्देश के बाद जिला प्रशासन में खलबली मची है।
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अधिक जानकारी के अनुसार चंद्रपुर निवासी ट्रक मालिक चंद्रशेखर आंबटकर ने HC में एक याचिका दायर की। इस पर सुनवाई के दौरान यह ज्ञात हुआ कि जिलाधिकारी विनय गौडा के अधिन जब्त 15 लाख रुपये के ट्रक को गैरकानूनी ढंग से नीलाम किया गया। माननीय न्यायाधीश नितीन सांबरे एवं माननीय न्यायाधीश अभय मंत्री के खंडपीठ ने नियमों का पालन न करने की बात पर जिला प्रशासन को जमकर लताड़ा। रेत परिवहन विरोधी कार्रवाई के दौरान यह ट्रक जब्त हुआ था। इस पर 2,78,000 रुपये के जुर्माने के खिलाफ याचिकाकर्ता की कानूनी लड़ाई चल रही थी। परंतु अंतिम फैसला आने के पूर्व ही इस जब्त ट्रक को बेच दिया गया।
जब इस मामले में की गई अपील पर HC में सुनवाई चल रही थी तो जिलाधिकारी विनय गौडा ने अपनी दलीलें पेश करनी चाही। किंतु न्यायालय ने उन्हें फटकार लगाते हुए केवल सरकारी वकील के माध्यम से ही न्यायालय में अपनी दलीलें पेश करने को कहा। अतिरिक्त जिलाधिकारी के पास रेत परिवहन संबंधित अपील का मामला लंबित होने और उस पर अंतिम फैसला आने के पूर्व ही तहसीलदार ने बिना किसी नोटिस के नीलामी में उस ट्रक को बेच देने का आरोप याचिकाकर्ता ने लगाया है।
इसमें कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया। गैरकानूनी नीलामी में सुधार कर याचिककर्ता को उचित न्याय देने के लिए दो सप्ताह की मियाद चंद्रपुर जिलाधिकारी को दी गई है। साथ ही याचिकाकर्ता और ट्रक खरीदार को बुलाकर मामले को सुलझाने के निर्देश कोर्ट ने जिलाधिकारी को दिये है। यह दावा एक मराठी प्रादेशिक अखबार में प्रकाशित खबर के माध्यम से किया गया है।