चंद्रपुर जिला परिषद के शिक्षा विभाग के माध्यमिक विस्तार अधिकारियों द्वारा एक कंप्यूटर इंस्टीट्यूट से मान्यता के लिए 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए (Anti-Corruption Bureau) भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्तियों में दो सक्रिय अधिकारी और एक सेवानिवृत्त कर्मचारी शामिल हैं।
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घटना शुक्रवार, 27 सितंबर की है, जब भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने एक जाल बिछाकर इन भ्रष्टाचारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई चंद्रपुर के शिक्षा विभाग से जुड़े एक कंप्यूटर इंस्टीट्यूट की शिकायत पर की गई थी।
शिकायतकर्ता ने मराठी, अंग्रेजी और हिंदी जीसीसी व टीबीसी कंप्यूटर कोर्स शुरू करने के लिए जिला परिषद के शिक्षा विभाग में आवेदन किया था। आवेदन के जवाब में, शिक्षा विभाग के माध्यमिक विस्तार अधिकारी सावन चालखुरे (56) और लघुत्तम किसन राठोड ने मान्यता प्रदान करने के बदले 70,000 रुपये की मांग की थी।
शिकायतकर्ता ने तुरंत भ्रष्टाचार निरोधक विभाग को इस रिश्वत की मांग की सूचना दी, जिसके बाद जांच टीम ने मामले को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया। दोनों पक्षों के बीच 70,000 रुपये की मांग के बाद 50,000 रुपये में सौदा तय हुआ। इसके बाद, भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने सावन चालखुरे, लघुत्तम किसन राठोड और सेवानिवृत्त कर्मचारी फुलझले को रिश्वत की रकम स्वीकार करते हुए गिरफ्तार कर लिया।
यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक दिबंगर प्रधान और अपर पुलिस अधीक्षक संजय पुरनदरे के मार्गदर्शन में उप पुलिस अधीक्षक मंजूषा भोसले, पोनी जितेंद्र गुरूनुले और उनकी टीम द्वारा की गई। टीम ने सावधानीपूर्वक जाल बिछाकर इस मामले को सुलझाया और भ्रष्ट अधिकारियों को कानूनी गिरफ्त में लाया।
इस घटना ने शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों पर प्रकाश डाला है और भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की कार्रवाई ने जनता में न्याय की उम्मीदों को मजबूत किया है।