Tadoba Andhari Tiger Reserve में फ्रेंच कंपनी क्रोमा द्वारा वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रोप-वे परियोजना पर अध्ययन किया जा रहा है। इस अध्ययन का उद्देश्य शाश्वत (सस्टेनेबल) वन्यजीव पर्यटन को विकसित करना है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि इस योजना के तहत वन्य कानूनों का पूरी तरह से पालन करते हुए पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन की योजना बनाई जाएगी। इस परियोजना से ताडोबा में देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटकों के आगमन की संभावना है, जिससे चंद्रपुर जिला वैश्विक मानचित्र पर अपनी पहचान बनाएगा।
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विदर्भ क्षेत्र को मिलेगी विशेष पहचान
फडणवीस ने बताया कि विदर्भ क्षेत्र में घने और हरे-भरे जंगल हैं, और महाराष्ट्र के छह में से पाँच प्रमुख बाघ परियोजनाएं यहीं स्थित हैं। इस वजह से विदर्भ पर्यटकों के लिए पहली पसंद बनता जा रहा है। ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व अब विभिन्न उद्यमियों की रुचि का केंद्र बनता जा रहा है, जो इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देना चाहते हैं।
इंडो-फ्रांस फोरम से जुड़ी योजना
विदर्भ क्षेत्र में पर्यटन बढ़ाने के लिए नई योजनाएं लागू करने की प्रक्रिया चल रही है। इंडो-फ्रांस फोरम से जुड़े उद्यमियों ने ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व में रोप-वे बनाने का प्रस्ताव दिया था, जिसे अब साकार करने की दिशा में प्रयास हो रहे हैं। यदि यह योजना सफल होती है, तो ताडोबा में देश-विदेश के पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
वन्यजीव संरक्षण का विशेष ध्यान
रोप-वे परियोजना लागू करते समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि वन्यजीवों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। अध्ययन दल की रिपोर्ट के बाद, वन विभाग और महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम के साथ समझौता किया जाएगा ताकि शाश्वत पर्यटन की दिशा में इस परियोजना को आगे बढ़ाया जा सके।