चंद्रपुर जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों – चंद्रपूर, बल्लारपूर, राजुरा, ब्रम्हपुरी, चिमूर, और वरोरा – में विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों के इंटरव्यू मंगलवार को बल्लारपूर स्थित कांग्रेस इंटक भवन में शांतिपूर्वक संपन्न हुए। लेकिन यह प्रक्रिया विवादों में घिर गई जब कई उम्मीदवारों ने इस इंटरव्यू प्रक्रिया को ‘फार्स’ कहकर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
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इंटरव्यू की प्रक्रिया और नाराजगी का कारण
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारों के इंटरव्यू के लिए निरीक्षक के रूप में विधायक एडवोकेट अभिजीत वंजारी को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इंटरव्यू सुबह 11 बजे शुरू हुए, लेकिन कई उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि वंजारी के साथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विधायक सुभाष धोटे और सांसद प्रतिभा धानोरकर की मौजूदगी ने निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए।
उम्मीदवारों ने कहा कि इंटरव्यू में उन्हें खुलकर अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया। कई उम्मीदवारों का दावा था कि वंजारी ने उनके काम को जानने के नाम पर केवल औपचारिकताएं निभाईं और उन्हें संक्षिप्त बातचीत के बाद बाहर भेज दिया। राजुरा विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार उमाकांत धांडे ने कहा कि सुभाष धोटे की मौजूदगी के कारण उन्हें अपनी बात रखने का पूरा अवसर नहीं मिला।
उम्मीदवारों की सूची से नामों का गायब होना
इंटरव्यू के दौरान एक और बड़ा मुद्दा तब सामने आया जब कई उम्मीदवारों ने यह पाया कि वे सूची में शामिल नहीं थे, जबकि उन्होंने 20,000 रुपये का शुल्क भरकर उम्मीदवार बनने के लिए आवेदन किया था। यह सूची दो दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी, जिसके बाद कई उम्मीदवारों ने इस पर आपत्ति जताई। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष द्वारा भेजी गई और प्रदेश कांग्रेस द्वारा स्वीकृत सूची में कई नाम गायब थे, जिससे उम्मीदवारों में असंतोष फैल गया।
समस्या का समाधान और आगे की प्रक्रिया
बढ़ती नाराजगी के बीच, सोमवार शाम को सभी उम्मीदवारों के इंटरव्यू लेने का निर्णय लिया गया, जिससे असंतोष कुछ हद तक कम हुआ। वरोरा विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवारों में डॉ. चेतन खुटेमाटे, सांसद धानोरकर के भाई प्रविण काकडे, अनिल धानोरकर और डॉ. आसावरी व डॉ. विजय देवतळे की जोड़ी ने इंटरव्यू दिया। अनिल धानोरकर डेंगू के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती थे, लेकिन सिर्फ इंटरव्यू के लिए नागपुर से आए और तुरंत वापस चले गए।
इस पूरी प्रक्रिया में कांग्रेस के कई उम्मीदवारों ने अपनी असहमति और नाराजगी व्यक्त की है। हालांकि, सभी उम्मीदवारों के इंटरव्यू लिए गए, लेकिन यह देखा जाना बाकी है कि इस पूरी प्रक्रिया के बाद उम्मीदवारों के चयन में किसे मौका मिलता है।