महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों का बिगुल अब बजने ही वाला है। चुनावी दंगल में अनेक शेर-शमशेर बाहर निकलेंगे। लेकिन महिला सशक्तिकरण का ढोल पिटने वाले नारेबाजी के बीच क्या चंद्रपुर जिले की 6 विधानसभाओं में प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से महिलाओं को टिकट देने का प्रयास किया जाएगा ? यह सवाल अब जिले में सर्वत्र पूछा जाने लगा है। चंद माह पूर्व ही भाजपा की केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण का बिल मंजूर कराकर खूब वाहवाही लूटी थी। परंतु चंद्रपुर जिले के 6 विधानसभाओं के लिए किसी महिला के चेहरे को आगे करते हुए उनका नाम चलाने की स्थिति नजर नहीं आ रही है। वहीं कांग्रेस और राकांपा में अनेक महिलाओं ने दांवेदारी तो पेश की है, किंतु कांग्रेस भी महिलाओं को कितना भाव देगी, यह तो वक्त ही बता पाएगा।
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आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महिलाओं को उम्मीदवारी मिलने को लेकर चंद्रपुर जिले में चर्चा तेज हो गई है। विशेषकर महायुती (भारतीय जनता पार्टी-शिवसेना गठबंधन) और महाविकास आघाड़ी (कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना) के संदर्भ में यह सवाल राजनीतिक गलियारों में गर्म है कि क्या इन प्रमुख गठबंधनों से महिलाओं को इस बार चुनावी मैदान में उतारा जाएगा? हालांकि, अब तक महिलाओं का प्रतिनिधित्व चंद्रपुर की राजनीति में काफी सीमित रहा है।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ने पहले भी महिलाओं को मौका दिया है। कांग्रेस की वर्तमान सांसद प्रतिभा धानोरकर चंद्रपुर जिले से दूसरी महिला सांसद हैं। इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री मा. सा. कन्नमवार की पत्नी ताईसाहब कन्नमवार भी महिला सांसद रह चुकी हैं। वहीं, यशोधरा बजाज (कांग्रेस) और शोभा फडणवीस (भाजपा) जैसे नाम महिला मंत्री के रूप में सक्रिय भूमिका निभा चुकी हैं। प्रतिभा धानोरकर, जो 2019 में वरोरा-भद्रावती विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बनी थीं, अब 2024 में सांसद बन चुकी हैं।
कांग्रेस से अनेक महिलाएं दावेदार
बल्लारपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की डॉ. अभिलाषा गावतुरे ने टिकट की मांग की है, वहीं चंद्रपुर की पूर्व नगराध्यक्ष सुनीता लोढिया वरोरा सीट से उम्मीदवारी की दावेदार हैं। इसके अलावा, डॉ. आसावरी देवतले भी वरोरा से दूसरी बार मौका पाने के लिए कांग्रेस के सामने विनती कर रही हैं। चिमूर विधानसभा क्षेत्र से डॉ. वंदना दांडेकर ने भी टिकट की मांग की है, जबकि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित चंद्रपुर सीट से अनुताई दहेगावकर भी उम्मीदवार बनने की इच्छुक हैं। कांग्रेस संगठन में सक्रिय कई अन्य महिलाएं भी टिकट पाने के लिए प्रयासरत हैं। हालांकि, यह देखना होगा कि पार्टी वास्तव में कितनी महिलाओं को मौका देती है।
भाजपा में महिला उम्मीदवारों की कमी
भाजपा की ओर से अभी तक किसी भी महिला उम्मीदवार का नाम प्रमुखता से सामने नहीं आया है, जिससे इस बार भाजपा से महिला उम्मीदवार के चुनावी मैदान में उतरने की संभावना कम नजर आ रही है। पूर्व मंत्री संजय देवतले की पत्नी का नाम वरोरा सीट से चर्चाओं में है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा उन्हें मौका देती है या नहीं। बल्लारपुर, चिमूर, राजुरा, चंद्रपुर और ब्रह्मपुरी जैसे महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की तरफ से अभी तक किसी भी महिला उम्मीदवार का नाम चर्चा में नहीं आया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से एकमात्र महिला नाम
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) से चंद्रपुर जिला महिला अध्यक्ष बेबीताई उईके का नाम उम्मीदवारों में प्रमुखता से सामने आ रहा है। अन्य राजनीतिक दलों, जैसे मनसे और अन्य छोटी पार्टियों में भी महिलाओं की उम्मीदवारी को लेकर कोई विशेष चर्चा नहीं हो रही है।
हालांकि चंद्रपुर जिले में महिलाएं चुनावी राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल हो रही हैं, लेकिन प्रमुख राजनीतिक दलों से कितनी महिलाएं उम्मीदवार बनेंगी, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है। कांग्रेस में कई महिला नेता टिकट की दावेदारी कर रही हैं, जबकि भाजपा में इस बार महिलाओं के लिए मौका कम नजर आ रहा है। यह वाकई में चिंता और चिंतन का विषय बना हुआ है।