महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और अजित पवार गुट के एनसीपी के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में दो संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई है, जिन्होंने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताया है। पुलिस ने अभी तक इस दावे की पुष्टि नहीं की है, और न ही बिश्नोई गैंग ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। इस घटना ने राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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घटना की पूरी जानकारी
बाबा सिद्दीकी को शनिवार को मुंबई के बांद्रा इलाके में उनके बेटे के ऑफिस से निकलते वक्त गोली मारी गई। खबरों के अनुसार, उनके ऊपर 6 गोलियां दागी गईं, जो उनके पेट और सीने में लगीं, जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस इस घटना को कॉन्ट्रैक्ट किलिंग मान रही है और मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है।
संदिग्धों की गिरफ्तारी
तीन संदिग्धों में से दो, करनैल सिंह (हरियाणा) और धर्मराज कश्यप (उत्तर प्रदेश), को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि तीसरा आरोपी अभी भी फरार है। गिरफ्तार संदिग्धों ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग से संबंध होने का दावा किया है, लेकिन पुलिस इस दावे की सत्यता की जांच कर रही है।
यह घटना दशहरा के मौके पर हुई, और इससे महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल और सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं।