महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की शीघ्र ही घोषणा होने के संभावना है। ऐसे में चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सरगर्मियां बढ़ने लगी है। विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से अपने-अपने स्तर पर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। बीते चुनावों के परिणामों का आकलन व मूल्यांकन कर इस बार के चुनावों में नई रणनीति और नये दम-खम के साथ चुनावी मैदान में उतरकर जंग लड़ने के हर कोई तैयार है। इस मुस्तैदी के साथ कि जीत अपनी ही होगी, हर उम्मीदवार यही आस लगाकर बैठा है। राजनीति भी करवट बदलने के लिए बेताब है।
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राज्य के प्रथम विधानसभा चुनाव अर्थात वर्ष 1962 से अब तक कांग्रेस ने यहां 6 बार जीत दर्ज की है। जबकि भाजपा को यहां से 5 बार विधायक बनने का मौका मिला है। वहीं 2 बार निर्दलीय विधायकों को राजनीतिक दलों को पटखनी देकर अपना वजूद निर्माण किया है। अब इस बार नये समीकरण और नये हालातों के मद्देनजर चंद्रपुर की सीट पर कौन विराजमान होगा, यह तो वक्त ही बताएगा।
1962 से अब तक का इतिहास
चंद्रपुर विधानसभा सीट वर्ष 1962 से अस्तित्व में है। तब से इस सीट पर 13 बार चुनाव हो चुके हैं। पहली बार इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार रामचंद्र पोटदुखे ने चुनाव जीता था। इसके बाद सबसे ज्यादा अर्थात 6 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की। वहीं पांच बार जीत का सेहरा बीजेपी को मिला। आखिरी चुनाव वर्ष 2019 में हुआ जहां एक बार फिर से निर्दलीय प्रत्याशी किशोर जोरगेवार ने भारी बहुमत के साथ बाजी मारी थी।
कब-कब किसने जीता चंद्रपुरवासियों का दिल
वर्ष 1962 रामचन्द्र पोटदुखे निर्दलीय
वर्ष 1967 एकनाथ सालवे कांग्रेस
वर्ष 1972 एकनाथ सालवे कांग्रेस
वर्ष 1978 नरेश पुगलिया कांग्रेस
वर्ष 1980 नरेश पुगलिया कांग्रेस
वर्ष 1985 श्याम वानखेड़े कांग्रेस
वर्ष 1990 श्याम वानखेड़े कांग्रेस
वर्ष 1995 सुधीर मुनगंटीवार भाजपा
वर्ष 1999 सुधीर मुनगंटीवार भाजपा
वर्ष 2004 सुधीर मुनगंटीवार भाजपा
वर्ष 2009 नानाजी शामकुले भाजपा
वर्ष 2014 नानाजी शामकुले भाजपा
वर्ष 2019 किशोर जोरगेवार निर्दलीय
वर्ष 1990 से नहीं हुई कांग्रेस की वापसी
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1990 से कांग्रेस, चंद्रपुर विधानसभा सीट पर वापसी नहीं कर पाई है। वहीं बीजेपी लगातार पांच बार चुनाव जीत कर अपना दम खम दिखा चुकी है। दूसरी, जो ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले विधानसभा में निर्दलीय प्रत्याशी किशोर जोरगेवार ने रिकॉर्ड तोड़ मतों से जीत हासिल की।
SC आरक्षित सीट का समीकरण
चंद्रपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। लंबे समय से यहां बौद्ध उम्मीदवार पेश करने की मांग उठ रही है। राजनीतिक दल जनता के मुड को भांपने लगे हैं। बाहरी उम्मीदवारों को चंद्रपुर की सीट पर नकारने की स्थिति पैदा हो गई है। स्थानीय उम्मीदवार ही यहां पहली पसंद है। भाजपा में भले ही इच्छुक उम्मीदवारों की कमी दिखाई पड़ रही हो, लेकिन कांग्रेस से इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए अनेक उम्मीदवारों ने इच्छा जाहिर की है। लेकिन हार के इतिहास को बदलने के लिए कांग्रेस भी अब फूंक-फूंककर कदम रखना चाहती है। निर्दलीय विधायक किशोर जोरगेवार का राजनीतिक दल से चुनाव लड़ने की इच्छा तो है, किंतु उन्होंने यह फैसला समय पर लेने और हालातों के मद्देनजर अपना निर्णय घोषित करने की जानकारी दी है। इसके चलते आगामी चंद दिनों में ही राजनीतिक समीकरणों की बिसात स्पष्ट रूप से दिखाई देगी।