महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है, लेकिन महायुती और महाविकास आघाड़ी में सीट बंटवारे पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। इससे उत्सुक उम्मीदवार इंतजार और देखो की स्थिति में हैं। ब्रह्मपुरी विधानसभा क्षेत्र में महाविकास आघाड़ी की सीट कांग्रेस के खाते में है, और वर्तमान विधायक विजय वडेट्टीवार की उम्मीदवारी निश्चित है। जबकि महायुती में किसके हिस्से सीट आएगी, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
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भाजपा में ओबीसी और कुणबी उम्मीदवार की मांग
ब्रह्मपुरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के भीतर ओबीसी उम्मीदवार की मांग जोर पकड़ रही है, और खासकर कुणबी समुदाय के उम्मीदवार की मांग तेज हो गई है। इससे भाजपा में उम्मीदवारों की संख्या भी बढ़ रही है। भाजपा ने पूर्व विधायक अतुल देशकर को वनविकास महामंडल का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है, जिसे कई लोग उनका राजनीतिक पुनर्वास मान रहे हैं। क्षेत्र में कुणबी फैक्टर की चर्चा हो रही है, और माना जा रहा है कि भाजपा इस बार कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार को चुनौती देने के लिए कुणबी कार्ड खेलेगी।
भाजपा के भीतर कई उम्मीदवार
भाजपा में कई इच्छुक उम्मीदवार हैं, जिनमें अतुल देशकर, पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष कृष्णा सहारे, भाजपा ओबीसी मोर्चा सचिव प्रकाश बगमारे, सावली के पूर्व तालुका अध्यक्ष अविनाश पाल और दीपक उराडे शामिल हैं। इन उम्मीदवारों के बीच रस्साकशी जारी है, और भाजपा खेमे में पार्सल उम्मीदवारों की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं। हालांकि, ज्यादातर उम्मीदवार संयम बरत रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर सक्रिय होकर अपनी लोकप्रियता दिखाने में लगे हुए हैं।
अन्य दलों की दावेदारी
महायुती में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गुट) और शिवसेना ने भी ब्रह्मपुरी सीट पर दावेदारी की है। अजित पवार गुट से विनोद नवघडे को प्रमुख उम्मीदवार माना जा रहा है, जबकि शिवसेना से बंडू हजारे बैनरों और पोस्टरों के जरिए अपनी लोकप्रियता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर रिपब्लिकन पार्टी की महायुती से युति नहीं होती, तो प्रशांत डांगे स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। वहीं वंचित बहुजन अघाड़ी भी कुणबी समुदाय के उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है।
सीट बंटवारे पर टिकी निगाहें
महायुती के भीतर किस पार्टी को कौन सी सीट मिलेगी और किसे उम्मीदवार के रूप में चुना जाएगा, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। कांग्रेस के खेमे के साथ-साथ महायुती के भीतर भी उम्मीदवार और कार्यकर्ता इस निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।