Maharashtra Assembly elections 2024 चंद्रपुर जिले में विधानसभा चुनावों की घोषणा होते ही सभी प्रमुख राजनीतिक दलों में बैठकों और मंथन का दौर तेज हो गया है। भाजपा, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना, और वंचित बहुजन अघाड़ी जैसे दलों के नेता आगामी चुनावों में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए टिकट बंटवारे पर गहन विचार कर रहे हैं। जिले की छह विधानसभा सीटों – चंद्रपुर, बल्लारपुर, राजुरा, ब्रम्हपुरी, चिमूर, और वरोरा पर जहां मौजूदा विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर है, वहीं नए और पुराने चेहरे टिकट हासिल करने के लिए सक्रिय हो चुके हैं।
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चंद्रपुर विधानसभा: निर्दलीय विधायक जोरगेवार की सियासी दिशा पर नजर
चंद्रपुर सीट पर वर्तमान में निर्दलीय विधायक किशोर जोरगेवार की स्थिति पर खास नजर है। उन्होंने पिछले चुनाव में भारी मतों से जीत हासिल की थी, लेकिन भाजपा से गठबंधन के बावजूद उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा था। इस बार उनके राकांपा के शरद पवार गुट से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। भाजपा के ब्रिजभूषण पाझारे भी अपनी दावेदारी मजबूत कर रहे हैं। अगर जोरगेवार राकांपा के टिकट से लड़ते हैं, तो भाजपा और कांग्रेस के लिए कठिन चुनौती खड़ी हो सकती है।
बल्लारपुर विधानसभा: सुधीर मुनगंटीवार के सामने विरोधियों की चुनौती
बल्लारपुर सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार पिछले 15 वर्षों से विधायक और महाराष्ट्र सरकार में प्रमुख मंत्री पदों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव में हार के कारण कार्यकर्ताओं में निराशा देखी गई है। विपक्षी दलों में कांग्रेस, राकांपा, और शिवसेना के नेता मुनगंटीवार को चुनौती देने के लिए तैयारी कर रहे हैं। अगर यहां बगावत नहीं होती, तो सीधा मुकाबला देखने को मिल सकता है।
राजुरा विधानसभा: कांग्रेस के सुभाष धोटे को चुनौती
राजुरा सीट से कांग्रेस विधायक सुभाष धोटे अपने संगठनात्मक कौशल और अनुभव के चलते सियासी जंग में मजबूती से खड़े हैं। जिले में कांग्रेस की कमान उनके हाथों में है और वे कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी हैं। हालांकि, भाजपा और वामनराव चटप जैसे नेताओं ने इस सीट पर अपनी दावेदारी पेश की है, जिससे यहां मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।
ब्रम्हपुरी विधानसभा: विजय वडेट्टीवार की पकड़ मजबूत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ब्रम्हपुरी विधानसभा से विधायक हैं। वे महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता हैं और पिछले कार्यकाल में आपदा मंत्री के रूप में अपनी भूमिका निभा चुके हैं। यहां भाजपा की ओर से अतुल देशकर जैसे चेहरों के सामने आने की उम्मीद है, लेकिन वडेट्टीवार की पकड़ मजबूत मानी जा रही है। हालांकि, चुनावी परिणामों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
चिमूर विधानसभा: बंटी भांगड़िया और कांग्रेस में टक्कर
चिमूर सीट पर भाजपा के बंटी भांगड़िया का दबदबा है, लेकिन पिछले चुनाव में उनकी जीत का अंतर कम था। इस बार कांग्रेस के सतीश वारजुरकर या किसी नए उम्मीदवार के सामने आने से यहां मुकाबला कड़ा हो सकता है। भांगड़िया के लिए यह चुनाव आसान नहीं होगा।
वरोरा विधानसभा: कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति
वरोरा सीट से कांग्रेस की प्रतिभा धानोरकर सांसद बन चुकी हैं, लेकिन विधानसभा सीट पर अनिश्चितता बनी हुई है। कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर कई उम्मीदवार सक्रिय हैं, जिसमें प्रतिभा धानोरकर के भाई प्रवीण काकडे और जेठ अनिल धानोरकर भी शामिल हैं। भाजपा की स्थिति इस सीट पर कमजोर नजर आ रही है, लेकिन कांग्रेस के आंतरिक मतभेद इसे चुनौतीपूर्ण बना रहे हैं।वहीं डॉ. चेतन खुटेमाटे, एड. पुरुषोत्तम सातपुते और अन्य नेताओं की मांग कांग्रेस के लिए सिरदर्द का कारण बनी हुई है।
चंद्रपुर जिले में इस बार चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना है। सभी प्रमुख राजनीतिक दलों में टिकट बंटवारे को लेकर गहमागहमी तेज हो चुकी है। मौजूदा विधायकों को अपनी सीट बचाने के लिए सख्त मेहनत करनी होगी, जबकि नए और अनुभवी उम्मीदवारों के बीच भी मुकाबला देखने लायक होगा।