प्रसिद्ध विधिज्ञ, कुणबी समाज के नेता और आंबेडकरी आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले एडवोकेट संजय ठाकरे को शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रमुख नेताओं द्वारा तात्कालिक रूप से मुंबई बुलाया गया है, जिसके चलते वे मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं। ठाकरे ब्रह्मपुरी विधानसभा क्षेत्र से एक मजबूत और लोकप्रिय नेता के रूप में जाने जाते हैं।
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वर्तमान में ब्रह्मपुरी विधानसभा सीट की उम्मीदवारी को लेकर भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच चर्चाओं का दौर जारी है। भाजपा के संभावित उम्मीदवार प्रा. अतुल देशकर को वनविकास महामंडल की जिम्मेदारी दिए जाने के बाद भाजपा अब नए उम्मीदवार की तलाश में है। इस क्षेत्र में ठाकरे का नाम प्रमुखता से उभर कर सामने आ रहा है, साथ ही कृष्णा सहारे और प्रशांत वाघरे के नामों पर भी चर्चा हो रही है।
कुणबी समाज की प्राथमिकता:
ब्रह्मपुरी विधानसभा क्षेत्र ब्रह्मपुरी, सावली और सिंदेवाही के तीन तालुकों को मिलाकर बना है, जहां कुणबी समाज के मतदाताओं का खासा प्रभाव है। ऐसे में उम्मीदवार के रूप में कुणबी समाज से जुड़े व्यक्ति को ही प्राथमिकता दी जा रही है, चाहे वह भाजपा का हो या शिवसेना (शिंदे गुट) का।
कृष्णा सहारे का गांव चिमूर विधानसभा क्षेत्र में आता है, जिससे सावली और सिंदेवाही तालुकों के लोगों में उनका विरोध है। वहीं, प्रशांत वाघरे का गढ़चिरौली में निवास होने के कारण दलित और अन्य समुदायों के साथ उनके बहुत अच्छे संबंध नहीं हैं। इसके विपरीत, एडवोकेट संजय ठाकरे वांद्रा के निवासी हैं, जो तीनों तालुकों के मध्य में स्थित है, और उनका इस क्षेत्र में एक व्यापक जनसंपर्क है। वकील के रूप में उनके समाज कार्यों के कारण उन्हें तीनों तालुकों में जनता का समर्थन प्राप्त है।
कुणबी समाज का मजबूत नेतृत्व:
एडवोकेट संजय ठाकरे कुणबी समाज के मजबूत नेतृत्वकर्ता माने जाते हैं। उनके नेतृत्व को देखते हुए, शिवसेना (शिंदे गुट) द्वारा उन्हें मुंबई बुलाए जाने की खबर के बाद राजनीतिक अटकलें तेज हो गई हैं कि ठाकरे आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के मजबूत उम्मीदवारों को चुनौती देने के लिए संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं।
2004 की चुनावी पृष्ठभूमि:
एडवोकेट संजय ठाकरे ने 2004 के विधानसभा चुनावों में शेतकरी संघटना की ओर से चुनाव लड़ा था, जहां उन्होंने तीसरे स्थान पर रहते हुए अच्छा वोट शेयर हासिल किया था। तब से लेकर आज तक वे लगातार ब्रह्मपुरी विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं। पिछले महीने कांग्रेस सांसद प्रतिभा धानोरकर की उपस्थिति में व्याहाड में आयोजित कुणबी समाज के सम्मेलन में अध्यक्षता भी की थी।
शिवसेना (शिंदे गुट) द्वारा अचानक उन्हें मुंबई बुलाने की खबर से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ठाकरे कुणबी समाज की ओर से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार किए जा रहे हैं, जो आगामी चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवारों के लिए चुनौती बन सकते हैं।