Chandrapur Assembly बीते लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं जिले के Guardian Minister Sudhir Mungantiwar ने अपने चुनावी प्रचार सभा के समय निर्दलीय Mla Kishore Jorgewar के स्नेह में तारीफों के पुल बांधे। इस मौके पर उन्होंने भरी सभा में मंच से कहा था कि पानी को बांटने की कितनी भी कोशिश की जाए, पानी हमेशा एक ही रहेगा, जोरगेवार और मैं एक हैं। हमारे विचार भी एक ही है। उनके रिश्तों की यह मिठास न जाने कहां खो गई। और आज किशोर जोरगेवार को भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) एवं राकांपा (अजित पवार गुट) से चंद्रपुर विधानसभा के लिए पार्टी का टिकट नहीं दिया जा रहा है। इन्हें राजनीतिक दल का टिकट पाने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। जबकि यही किशोर जोरगेवार हैं, जिनके घर देर रात मंत्रियों का आना-जाना लगा रहता था। मुनगंटीवार समेत CM एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी जोरगेवार के घर जाकर स्व. अम्मा से भेंट किया करते थे। परंतु अब ऐन चुनाव के वक्त किशोर जोरगेवार से मुंह फेर लेने जैसी स्थिति का आभास हो रहा है।
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ज्ञात हो कि लोकसभा चुनावों के दौरान यंग चांदा ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में मंत्री मुनगंटीवार एवं विधायक जोरगेवार का एक अनोखो मिलन देखने को मिला था। इस मौके पर मुनगंटीवार ने भरी सभा में मंच से कहा था कि पानी को बांटने की कितनी भी कोशिश की जाए, पानी हमेशा एक ही रहेगा, जोरगेवार और मैं एक हैं। हमारे विचार भी एक ही है। पानी अलग नहीं हो सकता, ठीक उसी तरह विचारों में भी एकता कायम है। यह महायुती का संगम है। इसमें विचारों का मिलन हो रहा है। इस संगम में यंग चांदा ब्रिगेड ने भी शामिल होकर इस एकता को और मजबूत किया है।
वहीं इस स्नेहपूर्ण बयान का जवाब देते हुए विधायक किशोर जोरगेवार ने कहा था कि “मैं अंतिम बल्लेबाज, जो छक्का मारकर जीत दिलाने वाला है।” महायुति एक क्रिकेट टीम की तरह है, जिसमें पंद्रह खिलाड़ी होते हैं। इस टीम में किसे ओपनिंग पर भेजना है और अंतिम क्षण में कौन छक्का मारकर जीत दिलाएगा, यह सब कोच तय करते हैं। कप्तान मुनगंटीवार ने उन्हें अंतिम क्षण में छक्का मारने वाले खिलाड़ी के रूप में चुना है। इसीलिए युवा चांदा ब्रिगेड की यह सभा भी अंतिम क्षण में हो रही है।
इतने मधूर संबंधों, रिश्तों, मिठासपूर्ण बयानों और विचारों में समानता के बावजूद आज मंत्री मुनगंटीवार की ओर से विधायक किशोर जोरगेवार का नाम टिकट के लिए आगे नहीं कर पाना, आश्चर्य की बात है। चुनावों के वक्त तो दोनों नेतागण एक-दूसरे के निवास स्थानों पर देर रात आया जाया करते थे। इसके अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार जैसे बड़े नेता विधायक जोरगेवार के निवास स्थान पर अवश्य ही भेंट दिया करते थे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि ऐन विधानसभा चुनावों के वक्त उक्त नेताओं और महायुति के तीनों दलों में से किसी एक दल की ओर से भी जोरगेवार को तवज्जों क्यों नहीं दी जा रही है ? आखिर क्या वजह है कि जोरगेवार के समर्थन में मंत्री मुनगंटीवार के मिठासपूर्ण बयान अब नदारद नजर आ रहे है ?
बहरहाल इन हालातों के चलते आज विधायक किशोर जोरगेवार को महागठबंधन के नेताओं से संपर्क करने की मजबूरी आन पड़ी है। हालांकि अब तक महागठबंधन के राकांपा नेता शरद पवार की ओर से उन्हें टिकट देने की घोषणा नहीं की जा सकी है।