Chandrapur Assembly चुनाव की गहमागहमी के बीच पार्टी नेताओं की हलचल तेज़ हो गई है। जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, विभिन्न राजनीतिक दल अपने संगठन को मजबूत करने और टिकट बंटवारे पर ध्यान दे रहे हैं। इस क्रम में, चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने पार्टी की रणनीति और टिकट बंटवारे पर सवाल उठाते हुए अपने असंतोष को दिल्ली में पार्टी नेतृत्व तक पहुंचाने का फैसला किया है। मुनगंटीवार ने पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर, आयात किए गए नेताओं को टिकट देने के फैसले पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
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“पार्टी के लिए निष्ठावान कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता मिले,” मुनगंटीवार का आग्रह
सुधीर मुनगंटीवार ने एक साक्षात्कार में कहा कि चुनावी टिकट आवंटन में उन कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है जिन्होंने वर्षों से पार्टी की सेवा की है। उन्होंने कहा, “पार्टी के ऐसे कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जिन्होंने 25-25 वर्षों तक पार्टी का विस्तार करने और उसकी मजबूती के लिए दिन-रात काम किया है।” मुनगंटीवार ने विशेष रूप से कहा कि आयात किए गए नेताओं को प्राथमिकता देकर पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं में नाराजगी पैदा हो रही है, जिससे भविष्य में पार्टी संगठन को स्थिर रखना मुश्किल हो सकता है।
“बार-बार दल बदलने वाले नेताओं को टिकट देना गलत संदेश”
सुधीर मुनगंटीवार ने पार्टी नेतृत्व को कार्यकर्ताओं की भावनाएं और नाराजगी पहुंचाने का इरादा जताया है। उनका मानना है कि ऐसे नेता जिन्होंने पिछले पांच वर्षों में कई बार पार्टियां बदली हैं, उन्हें टिकट देने से पार्टी के कार्यकर्ताओं में असंतोष फैल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी केवल चुनावी फायदे को ध्यान में रखकर फैसले लेगी, तो पार्टी का संगठन सेवाभाव की बजाय व्यवसायिक संगठन में परिवर्तित हो सकता है।
“पार्टी की जड़ों से जुड़े निष्ठावान कार्यकर्ता को मिलना चाहिए टिकट”
चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में टिकट आवंटन को लेकर मुनगंटीवार ने अपनी पसंद का नाम भी सामने रखा। उन्होंने कहा कि पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता ब्रिजभूषण पाझारे को टिकट मिलना चाहिए, जो कि 1990 से पार्टी के लिए लगातार काम कर रहे हैं और स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं। मुनगंटीवार ने कहा कि निष्ठावान कार्यकर्ता को अगर इस तरह नज़रअंदाज़ किया गया, तो पार्टी के संगठन को प्रभावित करने का जोखिम रहेगा।
“कार्यकर्ताओं की नाराजगी का समाधान आवश्यक”
मुनगंटीवार का यह बयान पार्टी के भीतर उभरती असंतोष की झलक प्रस्तुत करता है। उनका कहना है कि यदि कार्यकर्ताओं की भावनाओं का आदर नहीं किया गया और सिर्फ चुनावी लाभ के आधार पर टिकट वितरण किए गए, तो पार्टी का भविष्य कमजोर हो सकता है।