Chandrapur Assembly : Mla Kishore Jorgewar राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार से भेंट करने के बावजूद निर्दलीय विधायक किशोर जोरगेवार को निराशा ही हाथ लगी। उनके राकांपा के पक्ष प्रवेश की आशाएं धूमिल होते देख भाजपा में उनके प्रवेश और उम्मीदवार बनाए जाने की संभावनाओं पर तेजी से राजनीतिक हलचलें बढ़ गई। इस संदर्भ में भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहिर ने दिल्ली में अपनी गतिविधियां तेज कीं। उनकी इस सक्रियता के चलते पार्टी के अंदर की खींचतान अब उभरकर सामने आ रही है। भाजपा नेता व जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवारने शुक्रवार सुबह दिल्ली पहुँचकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से मुलाकात की। इधर, भाजपा के असंतुष्ट असंख्य कार्यकर्ताओं ने नागपुर में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी भेंट की। यह घटनाक्रम भाजपा के आंतरिक गहरे मतभेदों को दर्शाता है।
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बताया जाता है कि कांग्रेस के दबाव के चलते शरद पवार ने किशोर जोरगेवार को राकांपा प्रवेश नहीं दिया। इसके चलते अब जोरगेवार ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। पिछले कुछ दिनों में जोरगेवार का हंसराज अहिर के साथ संपर्क रहा है, जो सुधीर मुनगंटीवार के कट्टर पार्टी-विरोधी माने जाते हैं। जोरगेवार ने अहिर के प्रभाव का लाभ उठाने की रणनीति अपनाई। अहिर का दिल्ली में भी काफी प्रभाव है, इसलिए उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से आग्रह किया कि 2019 में 72,000 मतों से विजयी रहे जोरगेवार को भाजपा में शामिल कर चुनाव में उम्मीदवार बनाया जाए। जैसे ही यह खबर मिली कि जोरगेवार भाजपा के उम्मीदवार बनाए जा सकते हैं, सुधीर मुनगंटीवार ने गुरुवार रात भाजपा कार्यकर्ताओं की आपातकालीन बैठक बुलाई।
बैठक में शामिल सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने यह राय रखी कि बाहरी उम्मीदवार को टिकट न दिया जाए, क्योंकि ऐसा होने पर कार्यकर्ताओं में असंतोष फैल सकता है। इसी बात को राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सामने रखने के लिए मुनगंटीवार शुक्रवार सुबह दिल्ली रवाना हुए। उन्होंने दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर अपनी यह मांग रखी कि पार्टी के सामान्य कार्यकर्ता ब्रिजभूषण पाझारे को उम्मीदवार के रूप में प्राथमिकता दी जाए।
वहीं, लगभग पांच सौ भाजपा कार्यकर्ताओं ने नागपुर में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर जोरगेवार के भाजपा प्रवेश का विरोध किया। इस पूरी घटना को देखते हुए जोरगेवार के भाजपा प्रवेश पर अनिश्चितता पैदा हो गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जोरगेवार को शामिल करना चाहते हैं, लेकिन सुधीर मुनगंटीवार और कई स्थानीय पदाधिकारी तथा कार्यकर्ताओं का कड़ा विरोध इसे कठिन बना रहा है। अब भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इस मुद्दे पर क्या निर्णय लेता है, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
हंसराज अहिर, अध्यक्ष, राष्ट्रीय पिछड़ावर्ग आयोग
‘पिछले विधानसभा चुनाव में किशोर जोरगेवार ने 72,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी। वे भाजपा में शामिल होंगे तो उनका निश्चित ही स्वागत किया जाना चाहिए।’
किशोर जोरगेवार, निर्दलीय विधायक चंद्रपुर
‘बीते चुनाव में जनता ने हमें रिकॉर्ड मतों से चुना था। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने नकारा, इसलिए पुन: निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ही चुनाव लड़ेंगे।’
सुधीर मुनगंटीवार, पालकमंत्री, चंद्रपुर
‘गत 5 वर्षों में अनेक बार पार्टी बदलने वाले को उम्मीदवारी दी जाएगी तो कार्यकर्ताओं पर बुरा असर होगा। संगठन मजबूत नहीं रहेगा। एखाद बार यदि हम हार गये तो संगठन नहीं है, ऐसा मानना गलत है। चंद्रपुर में पार्टी संगठन मजबूत है। इसलिए कार्यकर्ताओं की भावनाओं को पार्टी के वरिष्ठों तक पहुंचाने दिल्ली गया हूं।’