चंद्रपुर जिले के 6 विधानसभा क्षेत्रों में प्रमुख पार्टियों में बढ़ती बगावत, महायुति और महाविकास आघाड़ी में टिकट न मिलने से असंतोष; बागियों ने नामांकन दाखिल कर बढ़ाई चिंता
Chandrapur District Assembly Elections की सभी छह विधानसभा सीटों पर महायुति और महाविकास आघाड़ी के सामने बागियों की चुनौती से स्थिति जटिल हो गई है। बगावत की इस लहर से दोनों गठबंधनों के लिए चुनाव जीतना कठिन हो सकता है।
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चंद्रपुर जिले की सभी छह विधानसभा सीटों पर भाजपा-शिवसेना की महायुति और कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना (उद्धव) की महाविकास आघाड़ी में बगावत की लहर है। मंगलवार, 29 अक्तूबर को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख थी, और जिले में कुल 57 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया, जिसमें लगभग एक दर्जन उम्मीदवार बागी के रूप में सामने आए हैं। पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर नाराज इन नेताओं ने निर्दलीय या अन्य दलों से नामांकन दाखिल कर राजनीतिक समीकरणों को नया मोड़ दिया है।
चंद्रपुर में महाविकास आघाड़ी का संकट:
चंद्रपुर सीट पर महाविकास आघाड़ी में बड़ी बगावत हुई है। कांग्रेस ने प्रवीण पड़वेकर को उम्मीदवार चुना, लेकिन एनसीपी की ओर से प्रियदर्शन इंगले ने भी नामांकन भरा है। कांग्रेस की टिकट के प्रमुख दावेदार राजू झोड़े भी अपने असंतोष के चलते निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मंगलवार को नामांकन भरेंगे।
राजुरा में भाजपा को झटका:
राजुरा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार के खिलाफ पार्टी के ही पूर्व विधायक संजय धोटे और सुदर्शन निमकर ने नामांकन दाखिल कर पार्टी को चुनौती दी है। यह क्षेत्र भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है क्योंकि यहां प्रमुख कार्यकर्ता और नेता पार्टी के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं।
बल्लारपुर में आघाड़ी में कलह:
बल्लारपुर में कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार संतोष रावत के खिलाफ पार्टी के ही डॉ. अभिलाषा गावतुरे और शिवसेना (उद्धव) के संदीप गिर्हे बगावत के साथ चुनावी मैदान में उतर गए हैं। गावतुरे ने सोमवार को नामांकन दाखिल किया, जबकि संदीप गिर्हे मंगलवार को नामांकन भरने की योजना में हैं। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट किसे अधिकृत उम्मीदवार घोषित करती है, यह देखना दिलचस्प होगा।
चिमूर में भी असंतोष का दौर:
चिमूर में कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार सतीश वारजूकर के खिलाफ धनराज मुंगले ने बगावत कर दी है और अपनी दावेदारी को लेकर नामांकन दाखिल कर दिया है। यह स्थिति कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है।
ब्रह्मपुरी में भाजपा का बागी:
ब्रह्मपुरी में भाजपा उम्मीदवार कृष्णा सहारे के खिलाफ वसंत वारजूकर ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है, जिससे इस सीट पर पार्टी की स्थिति कमजोर होती दिख रही है।
वरोरा में महायुति और महाविकास आघाड़ी दोनों में बगावत:
वरोरा सीट पर महायुति और महाविकास आघाड़ी दोनों में असंतोष का माहौल है। कांग्रेस उम्मीदवार प्रवीण काकड़े के खिलाफ कांग्रेस के चेतन खुटेमाटे और शिवसेना (उद्धव) के मुकेश जीवतोड़े ने नामांकन दाखिल किया है। इसी क्षेत्र में कांग्रेस सांसद प्रतिभा धानोरकर के जेठ अनिल धानोरकर ने वंचित बहुजन आघाड़ी के टिकट पर नामांकन दाखिल किया है। वहीं, भाजपा के पूर्व नगराध्यक्ष एहतेशाम अली ने प्रहार जनशक्ति के बैनर तले मैदान में उतरने का निर्णय लिया है।
वरोरा में भाजपा उम्मीदवार करण देवतले के खिलाफ एनसीपी (शरद पवार गुट) से जयंत टेंभुर्डे, भाजपा नेता रमेश राजुरकर और एनसीपी (एपी गुट) के अमोल बावणे ने भी निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल किया है, जिससे इस सीट पर बागियों के कारण चुनावी माहौल गरम हो गया है।