Ballarpur Assembly Elections वर्ष 2019 के चुनावी जीत के बाद विजयी रथ पर सवार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने अपने साथ जिन्हें रखा, वहीं आज उनके प्रतिद्वंद्वी के रूप में चुनावी मैदान में विरोधक के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। हम बात कर रहे हैं संदीप गिरहे की। उन दिनों शिवसेना और भाजपा गठबंधन में थी। अब उद्धव ठाकरे की शिवसेना महागठबंधन की टिम का हिस्सा है। परंतु महागठबंधन के कोटे की बल्लारपुर की सीट कांग्रेस के खाते में चली गई। कांग्रेस ने बल्लारपुर से संतोष सिंह रावत को उतारा है। लेकिन लंबे समय से बल्लारपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में सामाजिक एवं राजनीतिक गतिविधियों में अग्रसर डॉ. अभिलाषा गावतूरे को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया। लेकिन “एक नारी सब पर भारी” की कहावत यहां चरितार्थ होने की संभावना है। राजनीतिक दलों के 2 प्रत्याशियों ने बगावत की। अर्थात डॉ. अभिलाषा गावतूरे और संदीप गिरहे, भाजपा एवं कांग्रेस के लिए संकट का कारण बने हुए है। दोनों ही यदि चुनावी मैदान में डटे रहे तो वे मंत्री मुनगंटीवार और रावत के वोटों का गणित बिगाड़ सकते हैं।
Whatsapp Channel |
चौथी पारी मुनगंटीवार के लिए नहीं आसान
भले ही भाजपा की ओर से मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को स्टार प्रचारक के तौर पर संपूर्ण महाराष्ट्र में पेश करने की योजना बनाई हो, लेकिन उनके अपने कर्मभूमि में उनके विरोधक कमर कसकर चुनावी जंग लड़ रहे हैं। यहां ओबीसी, माली का जातीय कार्ड भी खेला जा रहा है। यदि जातिगत राजनीति वोटों पर भारी पड़ गई तो यह मंत्री मुनगंटीवार के 4थी पारी के लिए मुश्किलें पैदा कर देगी। कांग्रेस के संतोष सिंह रावत भी कोई कमजोर खिलाड़ी नहीं है। क्योंकि उन पर विरोधी दल नेता व कांग्रेस विधायक Vijay Wadettiwar का आशिर्वाद है। संदीप गिरहे के बीते अनेक वर्षों से सक्रिय राजनीति के चलते बड़ी संख्या में युवा वर्ग उनसे प्रभावित है। इसलिए बल्लारपुर में कड़ा मुकाबला होने के आसार है।
नजर हटी, दुर्घटना घटी
इतिहास इस बात का साक्षी रहा है कि दिग्गज नेता और मंत्रियों का भी अस्त होता है। बल्लारपुर की ही बात की जाएं तो जब इस इलाके का पुनर्गठन हुआ तो भाजपा की दिग्गज नेता एवं पूर्व मंत्री शोभाताई फडणवीस का नेतृत्व अस्त हो गया। मूल से ही राजनीतिक गतिविधियों में शामिल संतोषसिंह रावत को जिले के मध्यवर्ती सहकारी बैंक का अध्यक्ष बनाया गया। इस माध्यम से वे जिले के किसानों के सीधे संपर्क में आ गये। अब यदि वे अपने सहकार क्षेत्र के संबंधों का सही उपयोग कर पाते हैं तो मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के लिए खतरा पैदा हो सकता है। स्टार प्रचार के रूप में मंत्री मुनगंटीवार यदि महाराष्ट्र का भ्रमण करते रहेंगे तो उनके कर्मभूमि अर्थात बल्लारपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के वोटों पर सेंध लगाई जा सकती है। और इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है।
घटता वोट प्रतिशत मुनगंटीवार के लिए सिरदर्द
ज्ञात हो कि वर्ष 2009 में सुधीर मुनगंटीवार को 49.75 प्रतिशत वोट मिले थे। उनके प्रतिद्वंद्वी रहे कांग्रेस प्रत्याशी राहुल पुगलिया को 35.47 प्रतिशत और निर्दलीय प्रत्याशी रहे विनोद अहिरकर को 6.31 प्रतिशत वोट मिले थे। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर पूरे देश में थी। इसका असर विधानसभाओं के चुनावों पर भी पड़ा था। इस दौरान सुधीर मुनगंटीवार के वोटों का प्रतिशत बढ़कर 53.03 हो गया था। जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी रहे कांग्रेस प्रत्याशी घनश्याम मूलचंदानी को 30.74 प्रतिशत ही वोट मिले थे। वर्ष 2019 का चुनाव मंत्री मुनगंटीवार के लिए खतरे की घंटी के रूप में देखा जा सकता है। क्योंकि वर्ष 2014 में 53.03 प्रतिशत वोट पा चुके सुधीर मुनगंटीवार वर्ष 2019 के चुनावों में 42.9 प्रतिशत वोटों पर ही सीमट गये। इसके बाद तो मंत्री मुनगंटीवार ने लोकसभा चुनाव लड़ा और बुरी तरह उन्हें हार का सामना करना पड़ा। करीब ढ़ाई लाख वोटों से मिली हार जनता के रूख को बयां करती है।
बल्लारपुर से कौन-कौन हैं चुनावी मैदान में ?
सुधीर सच्चिदानंद मुनगंटीवार (भारतीय जनता पार्टी), संतोषसिंह चंदनसिंह रावत (भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस), अभिलाषा राकेश गावतुरे (निर्दलीय), संदीप अनिल गिहे (निर्दलीय), किशोर बंडू उईके (निर्दलीय), संजय नीलकंठ गावंडे (निर्दलीय), रामराव ओंकार चव्हाण (निर्दलीय), निशा शीतलकुमार धोंगडे (निर्दलीय), राजू देवीदास जांभुले (निर्दलीय), सतीश मुरलीधर मालेकर (वंचित बहुजन आघाडी), कुणाल पुरुषोत्तम गायकवाड (निर्दलीय), अरुण देवीदास कांबले (रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया रिफॉमिस्ट), प्रकाश मुरलीधर पाटील (निर्दलीय), रब्बानी याकूब सय्यद (निर्दलीय), उमेश राजेश्वर शेंडे (पिपल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रॅटिक), मनोज धर्मा आत्राम (गोंडवाना गणतंत्र पार्टी), संजय मारोतराव घाटे (भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस आणि निर्दलीय), सत्यपाल राधोजी कातकार (निर्दलीय), गावतुरे छाया बंडू (निर्दलीय), गावतुरे अनिता सुधाकर (निर्दलीय), नरेंद्र शंकर सोनारकर (बहुजन समाज पार्टी), सचिन राजबहुरण रावत (निर्दलीय), राकेश नामदेवराव गावतुरे (निर्दलीय), भारत सोमाजी थूलकर (ऑल इंडिया रिपब्लिकन पार्टी), संजय शंकर कन्नावार (राष्ट्रीय समाज पक्ष), सय्यद अफजल अली सय्यद आबिद अली (निर्दलीय), वीरेंद्र भीमराव कांबले (निर्दलीय)।