Distribution of Cash in Focus: Yet, Chandrapur District Records 71.27 Percentage Voter Turnout in Maharashtra Assembly Elections 2024
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जिला प्रशासन का दावा है कि चंद्रपुर जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में शांतिपूर्ण मतदान रहा। जिले में कुल 71.27 प्रतिशत मतदान होने की जानकारी है। जबकि मतदान के पूर्व संध्या और मतदान के दिन जमकर नोट बांटने व धनबल के इस्तेमाल की चर्चा जोरों पर है। इसके चलते आगामी महानगरपालिका, नगरपालिका, जिलापरिषद, पंचायत समिति, ग्राम पंचायत चुनावों में हिस्सा लेने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों की मुश्किलें बढ़ सकती है। बहरहाल परसों रात राजुरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, गडचांदूर में 62 लाख रुपयों से अधिक की राशि जब्त किये जाने का मामला आज भी जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। मतदान के बाद भी लोग इस विषय को लेकर चर्चा कर रहे हैं। मूल के कोसंबी में रात 12 बजे आयोजित सभा को लेकर हुए दंगे को लेकर भी जनता में तर्क-वितर्क लगाये जा रहे हैं। अब 23 नवंबर को मतगणना होगी। चुनावी परिणामों का जिले की जनता को बेसब्री से इंतजार है।
चंद्रपुर जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रक्रिया गुरुवार को सामान्य घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। जिले में लगभग 70% मतदान हुआ। हालांकि, धनबल (मुद्रास्त्र) के व्यापक इस्तेमाल की चर्चा से चुनावी समीकरण बदलने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। धनबल का वास्तविक प्रभाव मतगणना के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
चंद्रपुर विधानसभा : चार प्रमुख उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर
चंद्रपुर विधानसभा सीट पर भाजपा के किशोर जोरगेवार और कांग्रेस के प्रवीण पडवेकर के बीच सीधी टक्कर थी। हालांकि, भाजपा के बागी बिरजू पाझारे और कांग्रेस के बागी राजू झोडे ने इस मुकाबले को दिलचस्प बना दिया। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर बौद्ध समाज और ओबीसी समुदाय के वोट निर्णायक भूमिका निभाएंगे। दोनों पार्टियों के बागी उम्मीदवारों को उनके ही दल के कुछ कार्यकर्ताओं का छिपा समर्थन प्राप्त है, जिससे चुनावी समीकरण जटिल हो गया है।
राजुरा विधानसभा : तिरंगी लड़ाई में धनबल ने चौंकाया
राजुरा विधानसभा क्षेत्र में धनबल के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की चर्चाएं हैं। यहां कांग्रेस के सुभाष धोटे, शेतकरी संगठन के एडवोकेट वामनराव चटप, भाजपा के देवराव भोंगळे, और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के गजानन जुमनाके आमने-सामने हैं। तिरंगी लड़ाई धनबल के चलते चौतरफा मुकाबले में बदल गई है। राजनैतिक विशेषज्ञ भी इस क्षेत्र में संभावित परिणाम का अनुमान लगाने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं।
वरोरा विधानसभा : स्वतंत्र और छोटे दलों के उम्मीदवार निर्णायक
वरोरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के प्रवीण काकड़े, भाजपा के करण देवतळे, और निर्दलीय मुकेश जीवतोडे मुख्य प्रत्याशी हैं। छोटे दलों जैसे वंचित बहुजन आघाडी के अनिल धानोरकर, प्रहार जनशक्ति पार्टी के अहेतेशाम अली, और डॉ चेतन खूटेमाटे अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों के वोट इस सीट पर परिणाम तय करेंगे।
बल्लारपुर विधानसभा : भाजपा की राह आसान?
बल्लारपुर विधानसभा सीट पर भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार, कांग्रेस के संतोष रावत, और निर्दलीय डॉ. अभिलाषा गावतुरे के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। डॉ. गावतुरे का मैदान में उतरना कांग्रेस के मतों में विभाजन का कारण बन सकता है, जिससे मुनगंटीवार को बढ़त मिल सकती है।
चिमूर और ब्रह्मपुरी विधानसभा : कांटे की टक्कर
चिमूर विधानसभा में भाजपा के बंटी भांगडिया और कांग्रेस के सतीश वारजूरकर के बीच सीधा मुकाबला है। ब्रह्मपुरी विधानसभा में कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार और भाजपा के कृष्णा सहारे आमने-सामने हैं।
चुनाव का विश्लेषण : धनबल और बागी उम्मीदवारों ने बदला समीकरण इन सभी विधानसभा क्षेत्रों में धनबल का व्यापक इस्तेमाल और बागी उम्मीदवारों की मौजूदगी ने मुकाबलों को बेहद दिलचस्प बना दिया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों को अपने बागी उम्मीदवारों के कारण नुकसान उठाना पड़ सकता है। छोटी पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों के प्रदर्शन से कई सीटों के नतीजे अप्रत्याशित हो सकते हैं। 23 नवंबर को मतगणना के बाद ही स्पष्ट होगा कि धनबल और बागी उम्मीदवार किस हद तक परिणामों को प्रभावित कर पाए हैं।