Prestige Battle for Six Assembly Seats in Chandrapur, Maharashtra | Fate of Prominent Leaders to be Decided on Saturday
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चंद्रपुर जिले में छह विधानसभा क्षेत्र हैं, और इस बार की विधानसभा चुनावों में जिले के दिग्गज उम्मीदवारों के लिए यह सम्मान और प्रतिष्ठा की लड़ाई मानी जा रही है। ऐसे में किसी भी परिस्थिति में जीत हासिल करना उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।
भाजपा के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार के परिणामों पर पूरे महाराष्ट्र की नजरें टिकी हुई हैं। चुनाव परिणाम की तारीख नजदीक आने के कारण सभी प्रत्याशियों और उनके समर्थकों में उत्सुकता और तनाव का माहौल बन गया है।
मतदाताओं का फैसला क्या होगा, यह अभी भी अनिश्चित है। ऐसे में उम्मीदवारों और उनके समर्थकों की बेचैनी लगातार बढ़ रही है। चुनाव परिणाम पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
1. बल्लारपुर विधानसभा: ‘केतली’ का क्या होगा असर?
बल्लारपुर विधानसभा सीट पर भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार और कांग्रेस के संतोषसिंह रावत आमने-सामने हैं। इन दोनों के बीच मुकाबले में निर्दलीय उम्मीदवार डॉ अभिलाषा गावतूरे का ‘केतली’ चुनाव चिन्ह चर्चा में है। भाजपा के लिए यह सीट इसलिए भी अहम है क्योंकि मुनगंटीवार लोकसभा चुनाव में हार का सामना कर चुके हैं। क्या वह अपनी प्रतिष्ठा बचा पाएंगे या मतदाता नई दिशा चुनेंगे, यह शनिवार को स्पष्ट होगा।
2. चंद्रपुर विधानसभा: ‘कपाट’ में छिपी जीत की चाबी?
चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार कांग्रेस और भाजपा, दोनों को ही बगावत का सामना करना पड़ रहा है। सवाल यह है कि क्या मतदाता भाजपा के किशोर जोरगेवार को एक और मौका देंगे या फिर कांग्रेस के प्रवीन पडवेकर इस बार बाजी मारेंगे।
चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार बृजभूषण पाझारे भी अपनी खास पहचान बना रहे हैं। उनका चुनाव चिन्ह ‘कपाट’ चर्चा का विषय बन गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बृजभूषण पाजारे को मिलने वाले वोट चुनाव का समीकरण बदल सकते हैं।
क्या ‘कपाट’ में छिपी है विधायक बनने की चाबी? यह सवाल मतगणना के बाद ही साफ हो पाएगा। फिलहाल, बृजभूषण पाजारे के प्रदर्शन पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
3. राजूरा विधानसभा: ‘हैट्रिक’ की चुनौती
राजूरा विधानसभा में कांग्रेस के सुभाष धोटे और स्वतंत्र भारत पार्टी के वामनराव चटप के बीच कड़ा मुकाबला है। दोनों ही नेता लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने की कोशिश में हैं। भाजपा के देवराव भोंगले के तीसरे स्थान पर रहने की संभावना है, लेकिन उनका प्रदर्शन किसके समीकरण बिगाड़ेगा, यह देखने योग्य होगा।
4. ब्रम्हपुरी विधानसभा: कांग्रेस बनाम भाजपा की सीधी टक्कर
ब्रम्हपुरी विधानसभा सीट पर कांग्रेस के विपक्ष नेता विजय वडेट्टीवार और भाजपा के कृष्णलाल सहारे के बीच सीधा मुकाबला है। दोनों उम्मीदवारों ने जोरदार प्रचार किया है, लेकिन मतदाताओं का रुझान क्या है, यह अभी तक रहस्य बना हुआ है। वडेट्टीवार के लिए यह सीट प्रतिष्ठा की है, वहीं भाजपा ने उन्हें हराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
5. चिमूर विधानसभा: प्रचार ने बढ़ाई वोटिंग, रोमांचक मुकाबला तय
चिमूर विधानसभा इस बार प्रचार अभियानों के कारण चर्चा में रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सभाओं ने इस सीट पर मतदान का प्रतिशत बढ़ा दिया। भाजपा के बंटी भांगड़िया और कांग्रेस के सतीश वारजूकर के बीच सीधी टक्कर है। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को यहां बढ़त मिली थी, लेकिन क्या यह विधानसभा चुनाव में भी दोहराई जाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा।
6. वरोरा विधानसभा: कई दावेदार, परिणाम पर सबकी नजर
वरोरा सीट पर कांग्रेस सांसद प्रतिभा धानोरकर के भाई प्रवीन काकड़े और भाजपा के करण देवतले आमने-सामने हैं। वंचित बहुजन आघाड़ी, प्रहार, और मनसे जैसे दलों के उम्मीदवारों ने भी मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। क्या सांसद का प्रभाव उनके भाई को जीत दिलाएगा या भाजपा यह सीट अपने खाते में डालेगी, यह देखना दिलचस्प होगा।
चंद्रपुर जिले की छह विधानसभा सीटों पर इस बार का चुनाव बड़े राजनीतिक दिग्गजों के लिए ‘करो या मरो’ की स्थिति लेकर आया है। सभी सीटों पर नतीजे अप्रत्याशित हो सकते हैं। मतगणना के बाद ही स्पष्ट होगा कि जनता ने किसे चुना और किसे नकारा।