Who Will Become the Chandrapur Guardian Minister? Kishore Jorgewar Bunty Bhagadiya 3 MLAs in the Race, Minister Mungantiwar Likely to Become the Maharashtra Assembly Speaker!
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसकी सहयोगी पार्टियों की महायुति ने बड़ी जीत हासिल की है। राज्य की 288 सीटों में से महायुति को कुल 230 सीटें मिली हैं। इनमें भाजपा को 132 सीटें, एकनाथ शिंदे के शिवसेना को 57 सीटें एवं अजित पवार के एनसीपी को 41 सीटें प्राप्त हुई हैं। वहीं महाविकास आघाड़ी को बुरी तरह से विफलता का सामना करना पड़ा। इस बार एमवीए के कांग्रेस को 16 सीटें, उद्धव ठाकरे के शिवसेना को 20 सीटें और शरद पवार के एनसीपी को 10 सीटें हासिल हुई। अब जब महायुति की सरकार बनने की प्रक्रिया शुरू है तो चंद्रपुर जिले में कौनसे विधायक को पालकमंत्री बनाया जाएगा, इस पर जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
जिले के पालकमंत्री पद के लिए महायुति के जिले से 5 विधायकों में से 3 विधायकों का नाम अधिक चर्चा में हैं। क्योंकि कहा जा रहा है कि मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की 7वीं बार जीत को देखते हुए उनकी वरियता के आधार पर उन्हें विधानसभा का अध्ययक्ष बनाया जा सकता है। ऐसे में यदि वे अध्यक्ष बनते हैं तो चिमूर के विधायक बंटी भांगडिया, जिन्होंने तीसरी बार जीत हासिल की है, उन्हें चंद्रपुर जिले का पालकमंत्री बनाया जा सकता है। वे भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाते हैं।
एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि चंद्रपुर के विधायक किशोर जोरगेवार बीते 5 वर्षों में राज्य के राजनीतिक दलों के साथ अच्छा तालमेल बिठाने में कामयाब रहे। भाजपा के साथ साथ उनके बेहतर रिश्ते एकनाथ शिंदे से भी है। ऐसे में उन्हें भी पालकमंत्री पद के लिए मौका दिया जा सकता है। वहीं वरोरा विधायक करण देवतले और राजुरा विधायक देवराव भोंगले का यह पहल टर्म हो, लेकिन भाजपा में नई परंपरा के अनुसार किसी भी प्रथम विधायक को बड़े ओहदों पर मौका दिया जा सकता है। भाजपा का पूर्व इतिहास बताता है कि नये-नवेले विधायकों को अचानक से मुख्यमंत्री के पद पर भी बिठाया गया है। इसलिए इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि करण देवतले एवं देवराव भोंगले भी पालकमंत्री बनाये जा सकते हैं।
परंतु वरियता के आधार पर यदि देखा जाएं तो जिले के पालकमंत्री पद पर प्रथम दावेदारी तो मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की ही बनती है। यदि उन्हें विधानसभा का अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो यकीनन किसी मंत्रालय का मंत्री पद दिया जाएगा और साथ ही चंद्रपुर जिले का पालकमंत्री पद उनकी ही झोली में आ गिरेगा। इस पूरे तमाम प्रक्रियाओं के मद्देनजर चंद्रपुर जिले में पालकमंत्री पद को लेकर तरह तरह के कयास लगाये जा रहे है। इस विषय को लेकर चंद्रपुर जिले में चर्चाएं उफान पर है।