महाराष्ट्र – विधानसभा चुनाव में चंद्रपुर जिले की छह सीटों में से पांच पर कांग्रेस (Congress) को हार का सामना करना पड़ा। इस हार के पीछे कांग्रेस ने EVM गड़बड़ी और धनबल के इस्तेमाल को मुख्य कारण बताया है। चंद्रपुर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व विधायक सुभाष धोटे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि Postal Ballots में कांग्रेस के उम्मीदवार बढ़त पर थे, लेकिन EVM के परिणामों ने इस बढ़त को पलट दिया। उन्होंने ईवीएम को पूरी तरह अविश्वसनीय बताते हुए चुनाव बैलेट पेपर पर कराने की मांग की।
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EVM में गड़बड़ी और धनबल का आरोप
धोटे ने कहा कि जिले के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी ने बाउंसर (Bouncer) लगाकर धनबल का इस्तेमाल किया। राजुरा विधानसभा क्षेत्र में 61 लाख रुपये जब्त किए गए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। चुनाव के दौरान कई जगहों पर पैसे बांटने की शिकायतें दर्ज कराई गईं, लेकिन प्रशासन ने इन्हें नजरअंदाज कर दिया।
धोटे ने आरोप लगाया कि मतदान के दौरान प्रशासन ने बीजेपी (BJP) के निर्देशों पर काम किया। नागभीड़ क्षेत्र के शिवनगर में भी पैसे बांटने की सूचना दी गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया। वरोरा-भद्रावती क्षेत्र में विकास कार्यों के बावजूद कांग्रेस को अपेक्षित मतदान क्यों नहीं मिला, यह सवाल उठाया गया।
कांग्रेस ने की समीक्षा बैठक और ईवीएम के खिलाफ आंदोलन की योजना
शनिवार को चंद्रपुर के होटल सिद्धार्थ में जिला और शहर कांग्रेस की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में हार के कारणों पर चर्चा की गई। सुभाष धोटे ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप न लगाएं। चिमूर क्षेत्र से कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बूथ कमेटी की कमी और टिकट वितरण में देरी को लेकर नाराजगी जताई।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि ईवीएम के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा और कांग्रेस राज्य समिति को बैलेट पेपर से चुनाव कराने का प्रस्ताव भेजा जाएगा। बैठक में संगठन को मजबूत करने और आगामी चुनावों के लिए रणनीति तैयार करने पर भी चर्चा हुई।
बीजेपी के लिए अज्ञात बूथ पर वोट बढ़ने पर सवाल
बैठक में सांसद प्रतिभा धानोरकर ने कहा कि कई ऐसे बूथ हैं जहां कांग्रेस के कार्यकर्ता ही मौजूद नहीं थे, लेकिन बीजेपी को भारी मतदान मिला। यह स्पष्ट करता है कि ईवीएम में गड़बड़ी हुई है।
कांग्रेस के नेता मौजूद
इस बैठक में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता, जिनमें सांसद प्रतिभा धानोरकर, जिला अध्यक्ष सुभाष धोटे, संतोष रावत, डॉ. सतीश वारजूकर, प्रवीण काकड़े, और रितेश तिवारी शामिल थे।
कांग्रेस ने ईवीएम की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं और भविष्य में बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है। धनबल और प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोपों के साथ, कांग्रेस ने इस मुद्दे को राज्य स्तर तक ले जाने की योजना बनाई है। अब देखना होगा कि इन आरोपों का असर राजनीतिक माहौल पर कितना पड़ता है।