अविवाहित जोड़ों को चेक-इन की इजाज़त नहीं, OYO के खिलाफ चंद्रपुर में आंदोलन तेज
ऑनलाइन होटल बुकिंग प्लेटफॉर्म OYO ने 5 जनवरी 2025 से अपनी चेक-इन नीति में बड़े बदलाव किए हैं। नई नीति के अनुसार, अविवाहित जोड़ों को OYO होटलों में चेक-इन की अनुमति नहीं दी जाएगी। शुरुआत में यह बदलाव उत्तर प्रदेश के मेरठ में लागू किया गया है। यह कदम स्थानीय लोगों से मिलने वाली शिकायतों और कानून-व्यवस्था की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
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इस खबर के प्रकाश में आते ही महाराष्ट्र के चंद्रपुर में OYO होटलों के खिलाफ गुस्सा भड़क उठा। स्थानीय नागरिकों ने OYO होटलों पर अश्लील गतिविधियों को बढ़ावा देने और बिना अनुमति के संचालन का आरोप लगाते हुए आंदोलन छेड़ दिया है।
चंद्रपुर में OYO होटलों की बढ़ती संख्या से स्थानीय नागरिक परेशान
पिछले छह महीनों में चंद्रपुर के बल्लारपुर बाईपास मार्ग और अन्य इलाकों में OYO होटलों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखी गई है। आरोप है कि ये होटल प्रेमी जोड़ों को सस्ती दरों पर अस्थायी सुविधाएं उपलब्ध कराने के नाम पर बदनाम हो गए हैं। अकेले बल्लारपुर मार्ग पर OYO का बोर्ड लगे 14 से अधिक होटल हैं। शहर के अन्य हिस्सों में भी इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन होटलों का संचालन प्रशासन, नगर पालिका, या OYO की अनुमति के बिना किया जा रहा है और ये अश्लील गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं।
अष्टभुजा मंदिर के पास होटल पर स्थानीय लोगों का फूटा गुस्सा
पुरातन अष्टभुजा मंदिर के पास एक नए OYO होटल के खुलने के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा चरम पर पहुंच गया। प्रशासन से बार-बार शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई न होने से नाराज नागरिकों ने गांधीगिरी अपनाते हुए होटल के बाहर भजन आंदोलन शुरू किया।
चंद्रपुर के विधायक किशोर जोरगेवार ने भी दी चेतावनी
चंद्रपुर के विधायक किशोर जोरगेवार ने भी अनधिकृत OYO होटलों को जल्द से जल्द बंद करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इन होटलों के कारण समाज में अशांति फैल रही है और युवतियों को धोखा दिए जाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने प्रशासन को इस पर तत्काल सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है।
प्रशासन ने जांच के आदेश दिए
प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई है कि सभी अनधिकृत होटलों की जांच की जाएगी और जो होटल अवैध पाए जाएंगे, उन्हें तुरंत बंद किया जाएगा। इस मुद्दे पर चंद्रपुर के नागरिकों की निगाहें अब शासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।