कारखाने की सुरक्षा पर सवाल, स्थानीय व बाहरी मजदूर गंभीर रूप से घायल, प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग
तड़ाली सेंट्रल एमआईडीसी में सिद्धबली इस्पात (ओमेट स्टील) फैक्ट्री में पिछले सप्ताह गुरुवार को हुए भट्टी विस्फोट में घायल मजदूरों से मिलने के लिए कांग्रेस तालुकाध्यक्ष अनिल नरुले और घुग्घूस कांग्रेस अध्यक्ष राजुरेड्डी ने चंद्रपुर के डॉ. कुबेर अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने मजदूरों की हालत की जानकारी ली और परिवारजनों को हर संभव मदद और न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।
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चंद्रपुर जिले के तड़ाली सेंट्रल एमआईडीसी क्षेत्र में स्थित सिद्धबली इस्पात (ओमेट स्टील) फैक्ट्री में पिछले सप्ताह गुरुवार, 16 जनवरी की सुबह करीब 10 बजे एक बड़ा हादसा हुआ। फैक्ट्री में भट्टी के पास एक भीषण विस्फोट हुआ, जिससे तीन मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए। घायल मजदूरों में से एक की हालत चिंताजनक बताई जा रही है। हादसे के तुरंत बाद कंपनी के प्रबंधन और सुरक्षा कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर घायलों को चंद्रपुर के डॉ. कुबेर अस्पताल में भर्ती कराया।
घायल मजदूरों की पहचान:
1. सिकंदर यादव (35 वर्ष), निवासी उत्तर प्रदेश, गाजीपुर
2. लल्लन वर्मा (25 वर्ष), निवासी मध्य प्रदेश
3. निखिल वाघाडे (32 वर्ष), निवासी चंद्रपुर, चिचाला
डॉ. कुबेर अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि सिकंदर यादव की हालत अत्यंत गंभीर है और उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है। अन्य दो मजदूरों का भी इलाज जारी है।
विस्फोट की घटना:
सूत्रों के अनुसार, विस्फोट के दौरान भट्टी से निकली आग और गर्म सामग्री तीनों मजदूरों के ऊपर गिर गई। इससे वे बुरी तरह झुलस गए। हादसे के बाद फैक्ट्री के अन्य मजदूरों में हड़कंप मच गया और वे अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। प्रबंधन ने हादसे की जानकारी पुलिस को नहीं दी है, जिससे कामगार यूनियनों में आक्रोश बढ़ गया है।
प्रबंधन की लापरवाही पर सवाल:
कांग्रेस, स्थानीय मजदूरों और कामगार यूनियनों का आरोप है कि कंपनी में बार-बार सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाती है। न्यूनतम वेतन देने में भी लापरवाही बरती जा रही है। उचित सेफ्टी उपकरणों और आधुनिक तकनीकों की कमी के कारण यहां बार-बार ऐसे हादसे हो रहे हैं। कई मजदूर पहले भी अपनी जान गंवा चुके हैं, और कुछ को स्थायी रूप से हाथ-पैर खोने पड़े हैं।
कानूनी कार्रवाई की मांग:
कांग्रेस तालुकाध्यक्ष अनिल नरुले और घुग्घूस कांग्रेस अध्यक्ष राजुरेड्डी ने इस हादसे की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज कराने की मांग की है। उनका कहना है कि मजदूरों की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर लगातार लापरवाही की जा रही है। यूनियन ने यह भी आरोप लगाया कि ऐसे मामलों में प्रबंधन अक्सर पुलिस और प्रशासन से मामला दबाने का प्रयास करता है।
कामगारों की मांग:
मजदूरों ने कंपनी प्रबंधन से अपील की है कि फैक्ट्री में कार्यस्थल पर सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू किया जाए। सभी कर्मचारियों को आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।
आंदोलन की चेतावनी:
कांग्रेस की तालुका और ग्रामीण कमेटी ने इन मुद्दों को लेकर आने वाले सप्ताह में तीव्र आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। तालुकाध्यक्ष अनिल नरुले और राजुरेड्डी ने कहा कि मजदूरों की उपेक्षा अब सहन नहीं की जाएगी और उनकी सुरक्षा तथा अधिकार सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।
इस मौके पर कामगार नेता सैय्यद अनवर, तालुका सचिव विशाल मादर, थॉमस अर्णकोंडा, कुमार रुद्रारप, आयुष आवले सहित अन्य कांग्रेस पदाधिकारी भी मौजूद थे। सभी ने मजदूरों की समस्याओं को लेकर एकजुटता दिखाई और उनके समर्थन में आवाज बुलंद करने का संकल्प लिया।