- चंद्रपुर में पालकमंत्री उईके का पहला आगमन विवादों में
- जिला प्रशासन ने भाजपा कार्यकर्ता मेळावा कार्यक्रम पर लगाई रोक
चंद्रपुर में राज्य के आदिवासी विकास मंत्री और नव-नियुक्त पालकमंत्री डॉ. अशोक उईके के पहले आगमन के अवसर पर आयोजित सत्कार समारोह विवादों में घिर गया है। इसका कारण भाजपा के विधायक किशोर जोरगेवार का सरकारी नियमों के विपरीत प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी सांस्कृतिक सभागृह में भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन और पालकमंत्री के सत्कार कार्यक्रम का आयोजन कारण बना।
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कार्यक्रम पर जिला प्रशासन की आपत्ति:
शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी सांस्कृतिक सभागृह में किसी भी राजनीतिक पार्टी को कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं है। जब यह मामला जिला अधिकारी विनय गौड़ा के संज्ञान में आया, तो उन्होंने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए भाजपा कार्यकर्ता को सम्मेलन अनुमति देने से इनकार कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल किसी संस्था के माध्यम से ही सभागृह का उपयोग किया जा सकता है।
सत्कार समारोह आदिवासी संगठन के नाम पर आयोजित:
इस रोक के बाद विधायक किशोर जोरगेवार ने आदिवासी संगठन के नाम पर सत्कार समारोह का आयोजन करने का निर्णय लिया। इसके लिए संगठन ने सभागृह की बुकिंग के लिए पत्र लिखा, जिसे जिला प्रशासन द्वारा स्वीकार कर लिया गया।
कार्यकर्ता सम्मेलन पर बहिष्कार का असर:
यह विवाद यहीं खत्म नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम के आयोजन में भाजपा के वरिष्ठ नेता और माजी पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार सहित कई स्थानीय पार्टी नेताओं को विश्वास में नहीं लिया गया। इससे नाराज पार्टी पदाधिकारी और शहराध्यक्ष राहुल पावडे ने कार्यक्रम का बहिष्कार करने का मन बना लिया है एसी बात सामने आयी है।
आंतरिक कलह और अंतिम मिनट की योजना:
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विधायक जोरगेवार ने बैठकें कीं, लेकिन इन बैठकों में भी शहराध्यक्ष और ज्यादातर पूर्व नगरसेवक अनुपस्थित रहे। सत्कार समारोह के अंतिम मिनट में किए गए बदलावों और पार्टी के अंदरूनी असंतोष ने इस आयोजन को गहरे विवाद में डाल दिया है।
जिला अधिकारी का पक्ष:
जिला अधिकारी विनय गौड़ा ने स्पष्ट किया कि सरकारी निर्देशों के तहत राजनीतिक पार्टी को सांस्कृतिक सभागृह का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। हालांकि, आदिवासी संगठन ने सभा के लिए जो पत्र प्रस्तुत किया, उसे स्वीकार कर लिया गया है।
चंद्रपुर शहर में पालकमंत्री डॉ. अशोक उईके के पहले आगमन ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। अब यह देखना बाकी है कि यह आयोजन विवाद के साए से बाहर निकल पाएगा या नहीं।