विश्व प्रसिद्ध ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व में एक और ठगी का मामला सामने आया है, जहां पर्यटकों से अधिक शुल्क वसूलने की शिकायतें मिली हैं। शिक्षक विधायक सुधाकर अडबाले के पत्र के बावजूद यह ठगी हुई, जिससे वन विभाग में हड़कंप मच गया है। पहले ही ऑनलाइन टिकट घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रही थी, और अब यह नया मामला सामने आया है।
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पर्यटकों से ज्यादा पैसे वसूले, टिकट में नाम नहीं फिर भी एंट्री
ताजा मामला 31 जनवरी 2025 का है, जब पर्यटक वी. प्रभाकर ने क्रूजर बुकिंग के लिए 500 रुपये की जगह 1,000 रुपये चुकाए। इसके अलावा, 11 पर्यटकों से 5,500 रुपये अतिरिक्त लिए गए। आश्चर्यजनक रूप से 5 पर्यटकों का नाम टिकट में दर्ज नहीं था, फिर भी उन्हें पार्क में प्रवेश दे दिया गया।
दूसरे मामले में, पर्यटक सचिन सलूजा से भी अतिरिक्त शुल्क वसूला गया। 9 पर्यटकों से 1,800 रुपये ज्यादा लिए गए।
विधायक के शिफारसी पत्र के बावजूद पर्यटकों से वसूले अधिक पैसे
शिक्षक विधायक सुधाकर अडबाले ने ताडोबा प्रबंधन को एक शिफारसी पत्र लिखा था, जिसमें पर्यटकों के लिए दो वाहनों की मांग की गई थी। नियमों के अनुसार, प्रत्येक सफारी के लिए 6,600 रुपये लगने चाहिए थे। लेकिन पर्यटकों से 13,200 रुपये की जगह 20,000 रुपये वसूले गए।
तक्रार के बाद वन विभाग ने दिया जांच का आदेश
इस फर्जीवाड़े को लेकर क्रूजर बुकिंग ऑपरेटर शुभम चौधरी ने 16 जनवरी 2025 को शिकायत दर्ज कराई थी। जांच में ताडोबा के सौरभ ठोंबरे को जिम्मेदार ठहराया गया है। ताडोबा प्रबंधन ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मुख्य वन संरक्षक एवं ताडोबा टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक डॉ. जितेंद्र रामगावकर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर और बफर क्षेत्र के उपसंचालकों को जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
पर्यटकों की लगातार बढ़ती संख्या, लेकिन टिकट घोटाले बढ़ा रहे परेशानी
ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं, खासकर बाघों को देखने के लिए। लेकिन इस तरह की ठगी से उनकी यात्रा का अनुभव खराब हो रहा है। पहले से ऑनलाइन टिकट घोटाले की जांच ED द्वारा की जा रही थी, और अब यह नया मामला ताडोबा प्रशासन के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
वन विभाग को इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि आगे से पर्यटकों को ठगी का शिकार न होना पड़े।