महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 70 लाख से अधिक नए मतदाता दर्ज, राहुल गांधी ने जताया संदेह
Maharashtra Assembly Election’s 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 70 लाख से अधिक नए मतदाताओं की पंजीकरण प्रक्रिया पर कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संदेह जताया है। उनका आरोप है कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की, वहीं सबसे अधिक मतदाता पंजीकरण हुआ।
यह मुद्दा अब फिर से चर्चा में आ गया है, क्योंकि कई क्षेत्रों में कथित फर्जी मतदाता पंजीकरण के मामले सामने आए हैं। चंद्रपुर जिले के राजुरा विधानसभा क्षेत्र में भी इसी तरह का मामला सामने आया था, जिसमें 6,861 फर्जी मतदाताओं का खुलासा हुआ। चुनाव प्रशासन ने इन फर्जी नामों को मतदाता सूची से हटाया और पुलिस में मामला दर्ज किया। लेकिन चार महीने बीतने के बावजूद प्रशासन यह पता नहीं लगा पाया कि इस पूरे षड्यंत्र के पीछे कौन लोग थे।
राजुरा विधानसभा क्षेत्र में फर्जी मतदाताओं का पर्दाफाश
चंद्रपुर जिले में लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव के लिए कुल 38,637 नए मतदाताओं की पंजीकरण हुआ। इनमें से केवल राजुरा विधानसभा क्षेत्र में ही 11,000 नए मतदाता जोड़े गए। जब मतदाता सूची प्रकाशित हुई, तो स्थानीय लोगों ने पाया कि उनके गांवों में कुछ अनजान लोगों के नाम जोड़े गए हैं, जिनमें से कई अमराठी थे।
यह शक होने पर अधिकारियों ने गहन जांच शुरू की, जिससे पता चला कि बीबी, गडचांदूर और कोरपना जैसे क्षेत्रों में ऐसे लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल किए गए थे, जो वहां वास्तव में रहते ही नहीं थे। जांच में यह भी सामने आया कि कुल 6,861 फर्जी नाम मतदाता सूची में जोड़े गए थे। प्रशासन ने इन नामों को तुरंत सूची से हटाया और पुलिस में मामला दर्ज करवाया।
अब तक दोषियों का नहीं चला पता, जांच अधूरी
राजुरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार देवराव भोंगले ने इस चुनाव में जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस के तत्कालीन विधायक सुभाष धोटे पराजित हुए।
कांग्रेस नेता सुभाष धोटे ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में फर्जी मतदाताओं का नाम जोड़ने वाले लोग अब तक प्रशासन की पकड़ में क्यों नहीं आए। उन्होंने कहा, “हर बार प्रशासन यही कहता है कि जांच चल रही है, लेकिन चार महीने बीतने के बाद भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।”
जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से पूछताछ करने पर वे केवल यही जवाब देते हैं कि जांच जारी है, लेकिन इसमें अब तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है।
क्या यह चुनावी धांधली का हिस्सा है?
राजुरा विधानसभा क्षेत्र में हुए इस कथित फर्जी मतदाता घोटाले ने पूरे महाराष्ट्र की चुनावी प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले ने यह बहस छेड़ दी है कि क्या यह चुनावी धांधली का संगठित प्रयास था?
राहुल गांधी ने इस पूरे मामले को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में भाजपा के उम्मीदवार जीते, उन्हीं क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नए मतदाता पंजीकृत किए गए। इस आरोप से यह मामला और भी गंभीर हो गया है, क्योंकि इससे चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले की जांच कब तक पूरी करता है और क्या दोषियों को सजा मिलती है या नहीं।
