Tiger poacher Ajit Rajgond: मध्य प्रदेश के कटनी जिले से संचालित बहेलिया गिरोह, जिसके सरगना अजित राजगोंड हैं, ने देश के विभिन्न हिस्सों में बाघों के अवैध शिकार की घटनाओं को अंजाम दिया है। हाल ही में अजित की गिरफ्तारी के बाद इस गिरोह की गतिविधियों पर विस्तृत जानकारी सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले दो वर्षों में इस गिरोह ने 25 से अधिक बाघों का शिकार किया है।
बाघों का शिकार और दर्ज मामले
अजित राजगोंड और उसके गिरोह पर 2013 से 2015 के बीच विदर्भ क्षेत्र में बाघों के शिकार के कई मामले दर्ज हैं। 2015 में उसे तिरुपति में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन सितंबर 2024 में वह जमानत पर रिहा हो गया। हाल ही में, जनवरी 2025 में, महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के राजुरा वनक्षेत्र में उसकी उपस्थिति की सूचना मिलने पर उसे फिर से गिरफ्तार किया गया।
शिकार की विधि और सक्रियता के क्षेत्र
बहेलिया गिरोह पारंपरिक शिकार तकनीकों का उपयोग करता है, यह गिरोह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, असम, मेघालय, पंजाब और अन्य राज्यों में सक्रिय रहा है। शिकार के लिए ये लोग पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ आधुनिक उपकरणों का भी उपयोग करते हैं। इनके शिकार के तरीकों में बाघों के मलमूत्र, जहर, जाल, फंदे और अन्य उपकरण शामिल हैं। उनकी गतिविधियाँ मुख्यतः मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, असम, मेघालय और अन्य पड़ोसी राज्यों के वन क्षेत्रों में फैली हुई हैं। विशेष रूप से, विदर्भ क्षेत्र में उनकी सक्रियता अधिक रही है।
गिरोह की सक्रियता की अवधि की बात करें तो, अजित राजगोंड के तार 2013 से 2015 के बीच विदर्भ में बाघों के शिकार से जुड़े हैं। इससे संकेत मिलता है कि यह गिरोह कम से कम एक दशक से बाघों के शिकार में सक्रिय है।
इस गंभीर मुद्दे पर वन विभाग और संबंधित एजेंसियां सक्रिय रूप से कार्रवाई कर रही हैं। गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारियां, शिकार के उपकरणों की बरामदगी और नेशनल-इंटरनेशनल कनेक्शनों की जांच के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है। इसके साथ ही, देशभर के जंगलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है ताकि ऐसे गिरोहों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
अजित राजगोंड और उसके बहेलिया गिरोह की गतिविधियाँ वन्यजीव संरक्षण के लिए गंभीर खतरा हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद, वन विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियाँ उनकी शिकार की तकनीकों, नेटवर्क, और अन्य सदस्यों के बारे में विस्तृत जांच कर रही हैं, ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके।
