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- संगठित गिरोह का खुलासा, वन विभाग की सख्त कार्रवाई जारी
- चांदा वनविभाग में बाघों के शिकार मामले में अब तक 10 गिरफ्तारियां
- हरियाणा के सोनीपत से प्रवीण कुमार गिरफ्तार, 14 फरवरी तक वन हिरासत में
- पहले गिरफ्तार आरोपी 20 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए
- वनमंत्री गणेश नाईक की उच्चस्तरीय बैठक, शिकार नेटवर्क खत्म करने के निर्देश
- एसआईटी की 12 सदस्यीय टीम कर रही विस्तृत जांच
Baheliya Poacher Gang Ajit Rajgond Chandrapur Tiger Poaching Case: चंद्रपुर जिले में चांदा वनविभाग में बाघों के अवैध शिकार के मामले में गिरफ्तारियों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। इस मामले में ताजा गिरफ्तारी हरियाणा के सोनीपत से हुई, जहां से प्रवीण कुमार को हिरासत में लिया गया। उसे मंगलवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी), राजुरा के समक्ष पेश किया गया और शुक्रवार 14 फरवरी तक वन विभाग की हिरासत में भेज दिया गया।
इसके अलावा, पहले गिरफ्तार की गई मेघालय के शिलांग निवासी महिला सुश्री निंग सॉन लुन की हिरासत अवधि भी बढ़ा दी गई है, और अब वह 14 फरवरी तक वन हिरासत में रहेगी।
पहले गिरफ्तार आरोपी न्यायिक हिरासत में
इससे पहले इस मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों—अजीत राजगोंड उर्फ पारधी, इंजेक्शनबाई, रीमा, रबीना, सेवा, राजकुमारी, लाल नेई सुंग और सोनू सिंह—को न्यायालय ने 20 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। जांच में यह सामने आया कि ये आरोपी संगठित शिकार गिरोह से जुड़े हुए थे और देशभर में फैले वन्यजीव शिकार नेटवर्क का हिस्सा थे।
वनमंत्री की समीक्षा बैठक: सख्त कार्रवाई के निर्देश
वनमंत्री गणेश नाईक ने इस गंभीर मामले को लेकर पीसीसीएफ (एचओएफएफ), एपीसीसीएफ (वन्यजीव) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में अधिकारियों ने चल रही जांच और देशभर में फैले इस शिकार नेटवर्क के बारे में जानकारी दी।
1. सभी निवारक उपाय लागू किए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें
2. नवीनतम फोरेंसिक तकनीकों और वित्तीय विश्लेषण का उपयोग किया जाए ताकि अपराधियों को ट्रैक किया जा सके।
3. राज्य और देश की सीमाओं के बाहर भी कार्रवाई की जाए, इसके लिए विशेष केंद्रीय एजेंसियों की मदद ली जाए।
4. संगठित शिकार गिरोह को जड़ से खत्म किया जाए और इसमें शामिल सभी लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।
एसआईटी (SIT) की गहन जांच जारी
चंद्रपुर जिले में बाघ शिकार की इस गंभीर घटना की जांच के लिए 12 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) गठित किया गया है। इस टीम का नेतृत्व डीसीएफ, सेंट्रल चांदा, स्वेता बोड्डू कर रही हैं। महाराष्ट्र के मुख्य वन संरक्षक (सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू) विवेक खांडेकर और चंद्रपुर के मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) जीतेंद्र रामगांवकर के मार्गदर्शन में जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
वन विभाग की टीम इस संगठित गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है और जल्द ही और भी गिरफ्तारियां होने की संभावना है।