Fraud of 7.11 Lakh by Exploiting Fear of Ghosts! Chimur Taluka Anganwadi Worker Duped in the Name of Hidden Treasure, Three Scammers on the Run : चंद्रपुर जिले के चिमूर तालुका के वाघेड़ा गांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां चार ठगों ने एक आंगनवाड़ी सेविका को भूत-प्रेत निकालने और खेत में गुप्त धन दिलाने के नाम पर 7 लाख 11 हजार रुपये की ठगी का शिकार बना लिया। इस घटना का खुलासा मंगलवार, 18 फरवरी 2025 को हुआ, जब पीड़िता ज्योत्सना अनिल मेश्राम (37) ने चिमूर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
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यह घटना तब सामने आई जब नागभीड़ तालुका में दो हफ्ते पहले इसी तरह की एक ठगी का मामला उजागर हुआ था। पुलिस को संदेह है कि जिले में एक ठगों का गिरोह सक्रिय है। खास बात यह है कि नागभीड़ पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में से एक आरोपी इस चिमूर मामले से भी जुड़ा हुआ है, जबकि अन्य तीन ठग फरार हैं।
कैसे दिया गया वारदात को अंजाम?
पीड़िता ज्योत्सना मेश्राम चिमूर तालुका के वाघेड़ा गांव में आंगनवाड़ी सेविका के रूप में काम करती हैं और दो बच्चों की मां हैं। उनके पति ने निजी कारणों से उन्हें छोड़ दिया है, जिसके कारण पूरे परिवार की जिम्मेदारी उन्हीं पर है।
विगत वर्ष 15 जनवरी 2024 को दो लोग, जिनकी उम्र 25 से 40 साल के बीच थी, वाघेड़ा गांव में भिक्षा मांगने आए। उन्होंने ज्योत्सना मेश्राम से बातचीत के दौरान दावा किया कि उनके शरीर में किसी बुरी आत्मा का साया है और वे इसे निकाल सकते हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि उनके खेत में गुप्त धन छुपा हुआ है, जिसे वे निकालकर दे सकते हैं।
ठगों ने महिला को यह धमकी भी दी कि यदि उन्होंने इस बात को किसी से साझा किया, तो उनके बेटे की मौत हो जाएगी। डर और अंधविश्वास के कारण महिला ने उन पर विश्वास कर लिया और उसी दिन पूजा-पाठ के नाम पर 11,000 रुपये उन्हें सौंप दिए।
गुप्त धन निकालने का लालच और लगातार भय का माहौल
अगले दिन, 16 जनवरी 2024 को, ठगों ने एक भगवाधारी बाबा को मोटरसाइकिल पर लाकर महिला से मिलवाया। उन्होंने महिला की बीमारी (सिकल सेल) के लिए विशेष दवा वरोरा से लाने को कहा। महिला ने उनकी बातों में आकर 80,000 रुपये की दवा खरीदी।
इसके बाद, ठगों ने महिला को यह कहकर डराना शुरू किया कि उसके खेत में छुपे हुए गुप्त धन को निकालने के लिए एक विशेष अनुष्ठान करना होगा, जिसमें भस्म की जरूरत पड़ेगी। इस अनुष्ठान के लिए उन्होंने 7 लाख रुपये की मांग की।
महिला के पास इतनी बड़ी रकम नहीं थी, इसलिए उन्होंने उसे पैसे इकट्ठा करने के लिए मजबूर किया। भय के कारण महिला ने बचत समूह से 4.45 लाख रुपये निकाले और एक महिला से 12 ग्राम सोने की चेन उधार लेकर उसे गिरवी रख 70,000 रुपये और जुटाए।
शर्मनाक ठगी का अंजाम
29 जनवरी 2024 की रात, चारों ठग महिला, उसकी मां और मामा के बेटे को लेकर खेत में पहुंचे। वहां उन्होंने कुछ राख जलाई, एक गड्ढा खोदा, और उसमें नींबू, दही और दिया रखकर मंत्रों का जाप किया। लेकिन गड्ढे से कुछ भी नहीं निकला।
इसके बाद ठगों ने महिला से कहा कि अगली बार वे असली भस्म लेकर आएंगे और फिर से अनुष्ठान करेंगे। महिला से लिए गए पूरे 7 लाख 11 हजार रुपये लेकर वे मौके से फरार हो गए।
सच्चाई सामने आने के बाद पुलिस में शिकायत
कुछ दिनों तक जब ठगों से संपर्क नहीं हो पाया और उनके फोन बंद मिले, तो महिला को ठगे जाने का एहसास हुआ। लेकिन अपने बेटे की सुरक्षा को लेकर भयभीत महिला ने लगभग एक साल तक किसी को कुछ नहीं बताया। आखिरकार, 18 फरवरी 2025 को उसने हिम्मत जुटाकर चिमूर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
नागभीड़ के आरोपी का चिमूर कनेक्शन, तीन ठग अब भी फरार
पुलिस जांच में यह सामने आया कि नागभीड़ में पकड़े गए चार आरोपियों में से एक, परमेश्वर उर्फ देवा किसाराम एकनाथ कळमेश्वर, चिमूर की इस घटना में भी शामिल था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन बाकी तीन ठग अभी फरार हैं।
पुलिस का अलर्ट और जनता के लिए चेतावनी
यह घटना न केवल जिले में ठगों के बढ़ते हौसले को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि किस तरह अंधविश्वास और डर का फायदा उठाकर ठग भोले-भाले लोगों को शिकार बना रहे हैं।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे इस तरह के अंधविश्वासी जाल में न फंसे और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। साथ ही, पुलिस ने जिले में सक्रिय इस ठग गिरोह पर नकेल कसने के लिए अपनी जांच तेज कर दी है।