आर्य वैश्य कोमटी समाज के ओबीसी में शामिल करने के विरोध चंद्रपुर में प्रदर्शन
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Protest in Chandrapur Against Inclusion of Arya Vaishya Komati Community in OBC Category: आर्य वैश्य कोमटी समाज को ओबीसी वर्ग में शामिल करने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के नेतृत्व में स्थानीय जनता ने महाविद्यालय चौक पर आज (24 फरवरी) को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस आंदोलन का नेतृत्व महासंघ के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. अशोक जीवतोडे और राष्ट्रीय सचिव सचिन राजुरकर ने किया।
ओबीसी समाज में आर्य वैश्य कोमटी समाज को शामिल करने के संदर्भ में महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष का कल (25 फरवरी) को चंद्रपुर दौरा निर्धारित है। लेकिन, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ सहित समस्त ओबीसी समाज ने इस निर्णय का कड़ा विरोध जताया है। महासंघ ने चेतावनी दी कि अगर इस समाज को ओबीसी में शामिल किया गया तो महाराष्ट्र भर में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
ओबीसी में शामिल करने का विरोध क्यों?
राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ और अन्य ओबीसी संगठनों का कहना है कि आर्य वैश्य कोमटी समाज सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा नहीं है। यह समाज एशिया के शीर्ष पांच आर्थिक रूप से सशक्त समुदायों में गिना जाता है। महासंघ ने मांग की है कि इस समाज की संपूर्ण आर्थिक स्थिति का आंकलन किया जाए और उन्हें ओबीसी वर्ग में शामिल करने से बचा जाए।
डॉ. अशोक जीवतोडे ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया में कहा,
“यदि सरकार ने आर्य वैश्य कोमटी समाज को ओबीसी में शामिल किया, तो पूरे महाराष्ट्र में व्यापक लोकतांत्रिक आंदोलन किया जाएगा। इससे उत्पन्न होने वाली कानून-व्यवस्था की स्थिति की पूरी जिम्मेदारी सरकार और आयोग की होगी।”
राष्ट्रीय सचिव सचिन राजुरकर ने कहा,
“राज्य सरकार की यह नीति पूरी तरह गलत है। हम इसे सफल नहीं होने देंगे और हर संभव तरीके से विरोध करेंगे।”
मांगों को लेकर आयोग को सौंपा जाएगा ज्ञापन
राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने घोषणा की है कि कल (25 फरवरी) को महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें आर्य वैश्य कोमटी समाज को ओबीसी में शामिल न करने की मांग की जाएगी।
इस विरोध प्रदर्शन में राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के जिला अध्यक्ष नितीन कुकड़े, दिनेश चोखारे, सतीश भिवगडे, गौरव जुमडे सहित बड़ी संख्या में ओबीसी समाज के लोग उपस्थित थे।
ओबीसी महासंघ और ओबीसी समाज का यह स्पष्ट मत है कि आर्थिक रूप से संपन्न आर्य वैश्य कोमटी समाज को ओबीसी में शामिल करने से वास्तविक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों का हनन होगा। अगर सरकार इस फैसले को आगे बढ़ाती है, तो यह मुद्दा महाराष्ट्र में बड़े आंदोलन का कारण बन सकता है।