MP Pratibha Dhanorkar Urges Government to Protect OBCs’ Judicial Rights
देश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की संख्या महत्वपूर्ण है, और केंद्र सरकार को उनकी न्यायोचित मांगों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। यह मत चंद्रपुर की सांसद प्रतिभा धानोरकर ने दिल्ली में आयोजित केंद्रीय ओबीसी समिति की बैठक के दौरान व्यक्त किया।
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बैठक में ओबीसी छात्रों और कर्मचारियों के मुद्दों पर चर्चा
केंद्रीय ओबीसी समिति की यह महत्वपूर्ण बैठक 28 फरवरी को दिल्ली में आयोजित की गई थी। इस बैठक में प्रमुख रूप से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में ओबीसी छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं और वहां लागू आरक्षण नीति पर गहन चर्चा की गई। साथ ही, ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
इस दौरान सांसद प्रतिभा धानोरकर ने ओबीसी छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्तियों पर जोर देते हुए कहा कि इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक ओबीसी छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकें। उन्होंने विश्वविद्यालयों में ओबीसी वर्ग के लिए लागू आरक्षण नीति की समीक्षा और सख्ती से इसे लागू करने की भी मांग की।
ओबीसी वर्ग की बड़ी जनसंख्या, सुविधाओं में वृद्धि की जरूरत
सांसद प्रतिभा धानोरकर ने बैठक में कहा कि देश में ओबीसी वर्ग की जनसंख्या काफी अधिक है, ऐसे में उनके कल्याण के लिए सरकारी योजनाओं और सुविधाओं को बेहतर बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि ओबीसी छात्रों, कर्मचारियों और समाज के अन्य वर्गों को समुचित लाभ दिलाने के लिए ठोस नीतियां बनाई जाएं और उनका सख्ती से पालन किया जाए।
बैठक में वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय ओबीसी समिति के चेयरमैन गणेश सिंह, समिति के सचिव संजीव शर्मा समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी और समिति के सदस्य उपस्थित थे। बैठक में ओबीसी वर्ग से संबंधित विभिन्न नीतिगत और व्यावहारिक मुद्दों पर चर्चा की गई, जिससे इस समुदाय को आने वाले समय में और अधिक लाभ मिल सके।
सरकार से न्यायपूर्ण नीति की अपेक्षा
इस बैठक के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि ओबीसी समुदाय को उसके अधिकार दिलाने और न्यायपूर्ण नीतियां बनाने के लिए सरकार को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। सांसद प्रतिभा धानोरकर ने केंद्र सरकार से यह भी अपील की कि ओबीसी वर्ग को शिक्षा, रोजगार और अन्य सरकारी योजनाओं में अधिक अवसर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि यह समुदाय सशक्त होकर देश के विकास में अपना योगदान दे सके।