MahaMineral Mining Controversy: Villagers Protest, MLA Kishore Jorgewar’s Strong Warning!
उसगांव के पास स्थित महामिनरल माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की कार्यप्रणाली से स्थानीय नागरिकों में गहरा असंतोष पनप रहा है। कंपनी के संचालन से उत्पन्न हो रही समस्याओं ने लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इन समस्याओं का त्वरित समाधान निकालने की मांग ग्रामीणों ने की है। इस संबंध में भाजपा विधायक किशोर जोरगेवार ने कंपनी प्रबंधन को जल्द से जल्द उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
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विधायक जोरगेवार के नेतृत्व में ग्रामीणों का शिष्टमंडल
भारतीय जनता पार्टी के विधायक किशोर जोरगेवार के नेतृत्व में गांव के नागरिकों का एक शिष्टमंडल कंपनी प्रबंधन से मिला और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। इस दौरान विधायक जोरगेवार ने कंपनी प्रबंधन को ग्रामीणों की मांगों पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस बैठक में उसगांव ग्राम पंचायत की सरपंच निविता ठाकरे, उपसरपंच मंगेश आसुरकर, पंचायत सदस्य यमुना राजुरकर, रेखा कोडापे, वर्षा बोंदरे, धनंजय ठाकरे, रमेश काळे, कवडू ठोबरे, मोहनदास राजुरकर, दिलीप ठाकरे, पुलिस पाटिल नरेंद्र बुच्चे, इमरान खान, संजय तिवारी, निरिक्षण तांडा, संतोष नुने, मिन्टु कलवल, पसी गादे, विशाल अड्डूर, स्वप्निल वाढई, नंदकिशोर यादव, विजय कपूर, सागर रामटेके, रमन तांडा, महेश लठ्ठा, मयुर कलवल, राहुल चुपाका, सागर गेडाम, उदय कलवल, अरुण दाभेरे, हेमराज बोबडे सहित कई स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें
1. सड़कों की मरम्मत व वैकल्पिक मार्ग – कंपनी के भारी वाहनों की आवाजाही के कारण गांव की सड़कों की हालत बदतर हो गई है। ये सड़कें ग्रामीणों के दैनिक आवागमन के लिए जरूरी हैं, इसलिए कंपनी को जल्द से जल्द इनकी मरम्मत करनी चाहिए। इसके अलावा, भारी वाहनों के लिए एक वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जाना चाहिए।
2. प्रदूषण नियंत्रण – कंपनी से निकलने वाले धुएं और कोयला वॉशरी से उड़ने वाली धूल के कारण स्थानीय नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को श्वसन संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए कंपनी को प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस उपाय करने चाहिए।
3. स्वास्थ्य सुविधाएं – कंपनी के प्रदूषण का असर स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इसलिए कंपनी को अपने कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) फंड के तहत स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन करना चाहिए और ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए।
4. ग्राम विकास कार्यों में सहयोग – CSR फंड के तहत गांव में बुनियादी सुविधाओं और विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके अलावा, कंपनी को ग्राम पंचायत का बकाया कर भी तुरंत भरना चाहिए।
5. कृषि क्षति की भरपाई – कंपनी से निकलने वाले प्रदूषण के कारण आसपास की कृषि भूमि को भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसानों की उपज में गिरावट आई है। इसलिए किसानों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए और क्षतिपूर्ति राशि में वृद्धि की जानी चाहिए।
6. स्थानीय युवाओं को रोजगार – ग्रामीणों की लंबे समय से मांग है कि कंपनी में स्थानीय युवाओं को रोजगार दिया जाए। लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। विधायक किशोर जोरगेवार ने कंपनी प्रबंधन से इस मामले में प्राथमिकता देने की मांग की है।
10 दिनों में होगा समाधान, कंपनी ने दिया आश्वासन
विधायक जोरगेवार और ग्रामीणों की ओर से रखी गई इन मांगों पर कंपनी प्रबंधन ने सकारात्मक रुख दिखाया है। कंपनी ने शिष्टमंडल को आश्वासन दिया है कि अगले 10 दिनों के भीतर इन सभी मुद्दों पर ठोस निर्णय लिया जाएगा। यदि कंपनी प्रबंधन इन समस्याओं का समाधान करने में विफल रहता है, तो ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
अब देखना यह होगा कि कंपनी प्रबंधन ग्रामीणों की समस्याओं को हल करने के लिए कितनी गंभीरता से कदम उठाती है।