चंद्रपुर नगर निगम की सेवाओं पर महंगाई का कहर: अब एंबुलेंस-शववाहिका निजी से भी महंगी, जनविकास सेना का ‘नोटा वर्षा’ आंदोलन गरमाया!
आम जनता की जेब पर सीधा वार करते हुए चंद्रपुर महानगरपालिका ने 1 अप्रैल 2025 से एंबुलेंस, शववाहिका और पानी के टैंकर जैसी मूलभूत सेवाओं के शुल्क में पाँच गुना तक बढ़ोतरी कर दी है। इस अभूतपूर्व दरवृद्धि के विरोध में जनविकास सेना ने एक बार फिर सड़क पर उतरकर जोरदार आंदोलन किया और ‘घे पैसा’ आंदोलन के तहत निगम के उपायुक्त की गाड़ी पर नकली नोटों की बारिश कर दी।
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जनविकास सेना का तगड़ा प्रहार: “मनपा बना व्यापार, आयुक्त बने व्यापारी!”
जनविकास सेना के संस्थापक अध्यक्ष पप्पू देशमुख के नेतृत्व में यह आंदोलन गांधी चौक स्थित मनपा मुख्यालय के समक्ष दोपहर 12 बजे शुरू हुआ। उनका स्पष्ट आरोप है कि मनपा प्रशासन अब जनसेवा नहीं बल्कि व्यापार कर रहा है। देशमुख ने कहा, “चंद्रपुर की महानगरपालिका अब पूरी तरह से व्यापारी संस्था बन चुकी है और आयुक्त विपिन पालीवाल खुद को शहर का सबसे बड़ा व्यापारी मानते हैं।”
सेवाओं के शुल्क में बेतहाशा बढ़ोतरी: गरीबों की कमर टूटी
पहले जहां शहर की सीमा के भीतर एंबुलेंस सेवा निःशुल्क थी, अब उसके लिए 500 रुपये वसूले जाएंगे। वहीं शववाहिका और एंबुलेंस के लिए सीमा के बाहर पहले 200 रुपये शुल्क लगता था, जो अब 1,000 रुपये कर दिया गया है। यानी सीधे-सीधे 5 गुना इजाफा। दिलचस्प बात यह है कि निजी वाहन जहां 15 किलोमीटर प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल का खर्च लेते हैं, वहीं मनपा की गाड़ियाँ 10 किमी/लीटर (एंबुलेंस) और 8 किमी/लीटर (शववाहिका) का खर्च दिखा रही हैं, जिससे इंधन खर्च भी अधिक बताया जा रहा है। इसका सीधा असर गरीब और ग्रामीण जनता पर पड़ने वाला है।
“100 केस भी दर्ज हो जाएं, डरने वाले नहीं!” — पप्पू देशमुख का एलान
देशमुख ने आरोप लगाया कि मनपा आयुक्त विपिन पालीवाल ने जनविकास सेना के कार्यकर्ताओं पर अब तक कई झूठे केस दर्ज करवाए हैं, लेकिन वो डरने वाले नहीं। उनका कहना है, “हमारी लड़ाई 4 लाख चंद्रपुरवासियों के अधिकारों की है। यदि 100 केस और दर्ज हो जाएं, तब भी हम पीछे नहीं हटेंगे।” उन्होंने चेतावनी दी कि एक ही केस ऐसा होगा जो पालीवाल और भ्रष्ट अधिकारियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा देगा।
हर हफ्ते एक घोटाला उजागर होगा: भ्रष्टाचारियों की उलटी गिनती शुरू!
देशमुख ने ऐलान किया कि जनविकास सेना अब हर हफ्ते एक नए घोटाले का पर्दाफाश करेगी और एक लाख हस्ताक्षरों के साथ इन घोटालों की फाइल मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी। यदि एसआईटी जांच और कार्रवाई नहीं हुई, तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
जहां एक ओर जनता पहले ही महंगाई की मार झेल रही है, वहीं नगर निगम की यह दरवृद्धि आम नागरिकों को और अधिक आर्थिक बोझ में डालने वाली है। जनविकास सेना का आंदोलन आने वाले दिनों में और तेज़ होने की संभावना है, और प्रशासन के लिए यह बड़ा सिरदर्द बन सकता है।
क्या आने वाले दिनों में चंद्रपुर नगर निगम बैकफुट पर जाएगा या जनआक्रोश को नजरअंदाज करेगा? यह देखना दिलचस्प होगा।