बुधवार की रात घुग्घूस-वणी-चंद्रपुर राज्य मार्ग पर एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया, जब रात 11 बजे के करीब घुग्घूस के राजीव रतन चौक स्थित G-39 रेलवे गेट पर क्रॉस कर रहे इंजन विजयवाड़ा WAG-9HC (इंजन नं. 33996) अचानक रुक गया। कारण था रेलवे की 33 हजार वोल्टेज वाली हाईटेंशन सप्लाई लाइन का अचानक टूट जाना। घटना के चलते दोनों रेलवे इंजन वहीं बंद हो गए और पूरी रेल लाइन अवरुद्ध हो गई। इस कारण G-39 रेलवे गेट को रात 11 बजे से पूरी तरह बंद कर दिया गया, जिससे घुग्घूस-वणी मार्ग पर ट्रैफिक थम गया। देखते ही देखते दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। ट्रक, बस, एंबुलेंस समेत कई जरूरी सेवाओं के वाहन भी इस जाम में फंस गए, जिससे लोगों में भारी आक्रोश देखा गया।
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घुग्घूस रेलवे अधिकारियों से संपर्क करने पर जानकारी मिली कि बल्लारशाह से आपातकालीन रेलवे विभाग की टीम को बुलाया गया है और उनके पहुंचते ही मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा।
गंभीर चिंता का विषय बना G-39 रेलवे गेट
स्थानीय लोगों के अनुसार, G-39 रेलवे गेट पर प्रतिदिन-रात के समय करीब 20 से अधिक बार गेट बंद किया जाता है। इस कारण राहगीरों, विद्यार्थियों और आपातकालीन वाहनों को घंटों तक इंतजार करना पड़ता है। बुधवार की रात की यह घटना एक बार फिर प्रशासन और रेलवे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है।
स्थानीयों की मांग – जल्द शुरू हो रेलवे ओवरब्रिज
लोगों का कहना है कि इस गेट पर बार-बार ट्रैफिक रुकने और खतरे की स्थिति बनने से जल्द से जल्द दो सालों से निर्माधिन रेलवे ओवरब्रिज शुरू किया जाए, ताकि जिससे दुर्घटनाओं और जाम की स्थिति से निजात मिल सके। अगर समय रहते रेलवे लाइन की मरम्मत नहीं होती तो यह घटना बड़े हादसे में बदल सकती थी। फिलहाल रेलवे विभाग की टीम मौके पर मौजूद है और 4 घंटे बाद देर रात 2 बजे गेट खोला गया, इन चार घंटों मे राहगीरों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
यह घटना न सिर्फ प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि आम लोगों की सुरक्षा और सुविधाओं को दरकिनार किए जाने की एक और मिसाल बनकर सामने आई है। अब देखना यह होगा कि क्या इस घटना के बाद कोई स्थायी समाधान निकलेगा या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह धूल फांकता रहेगा।