घुग्घूस नगर परिषद के लापरवाह प्रशासन के कारण पूरे शहर के नागरिकों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। नागरिकों का आक्रोश चरम पर है, क्योंकि घरों में नलों से पानी सप्ताह में केवल एक बार (4-5 दिनों के अंतराल पर) आता है, और वह भी बहुत कम दबाव के साथ।
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दूषित पानी से बढ़ा संकट
बहिरम बाबा नगर इलाके के निवासियों के नलों में लगातार गंदा और दूषित पानी आ रहा है। नागरिकों ने इसकी शिकायत दो महीने पहले नगर परिषद को दी थी, लेकिन प्रशासन ने इस गंभीर समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
कांग्रेस ने उठाया विरोध का बिगुल
इसी लापरवाही के खिलाफ आज (20 अप्रैल) को कांग्रेस नेता व अध्यक्ष राजुरेड्डी के नेतृत्व में एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया गया। कार्यकर्ताओं ने समस्या वाले स्थान पर ‘बेशर्म’ के पौधे लगाकर नगर परिषद की बेपरवाही को उजागर किया। इस अवसर पर सैय्यद अनवर, अलीम शेख, रोशन दंतलवार, मादर, सुनील पाटील, दीपक पेंदोर, अभिषेक सपडी, दीपक कांबळे, निखिल पुनघंटी, कपिल गोगला, शहशाह शेख, सूरज मिश्रा, नागेश कुचनकर, मनोज चांदेकर, अंकुश सपाटे सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।
नागरिकों की मांग
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि नगर परिषद तुरंत पानी की आपूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करे और दूषित पानी की समस्या का समाधान करे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
क्या है ‘बेशर्म’ का संदेश?
‘बेशर्म’ (मिमोसा प्यूडिका) का पौधा छूने पर मुरझा जाता है, जो नगर परिषद की संवेदनहीनता को दर्शाता है। कांग्रेस ने इस प्रतीक के जरिए प्रशासन को यह संदेश दिया है कि “आपकी लापरवाही इतनी बेशर्म है कि आप नागरिकों की पीड़ा को नजरअंदाज कर रहे हैं!”
यह घटना शहर में बढ़ते जल संकट और प्रशासनिक उदासीनता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। क्या नगर परिषद अब जागेगी?