इन दिनों जिले में सूरज की तपिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पारा 44°C के पार पहुंच चुका है, और अप्रैल का महीना मई की भीषण गर्मी की झलक दे रहा है। लेकिन इस गर्मी से भी ज्यादा चिंताजनक है शहर में पानी का बढ़ता संकट। जीवनदायिनी नदियों का जल स्तर घट रहा है, और औद्योगिक नगरी में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। सवाल यह है कि आखिर यह हालात किसकी गलती से पैदा हुए हैं? क्या नगरपालिका की लापरवाही और अधिकारियों की निष्क्रियता इस जल संकट के लिए जिम्मेदार नहीं?
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करोड़ों के जल प्रोजेक्ट, फिर भी प्यासा शहर
घुग्घूस नगरपरिषद के अंतर्गत शहरवासियों को पानी की आपूर्ति के लिए दो विशाल टंकियां (5 लाख लीटर के 2 और एक 2 लाख लीटर क्षमता वाली) बनी हुई हैं, जिन पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए। इसके अलावा, शहर में 9 RO-ATM प्लांट, 2,800 से अधिक नल कनेक्शन, 2 कुएं और 50 से ज्यादा बोरवेल मौजूद हैं। फिर भी, आज हालात यह हैं कि लोगों को 4-5 दिन में एक बार नल से गंदा पानी मिल पा रहा है। जबकि 9 RO प्लांट में से सिर्फ 5 ही चालू हैं, बाकी बंद पड़े हैं। यह स्थिति नगरपालिका की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
जनता का रोष, अधिकारियों का बेरुखी
जनता का गुस्सा साफ दिख रहा है, लेकिन नगरपालिका के अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा। बड़े-बड़े वाटर टैंक और RO प्लांट सिर्फ दिखावे के लिए बने हुए हैं, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि लोग टैंकरों के पीछे भाग रहे हैं। स्थानीय उद्योगों और राजनीतिक दलों द्वारा टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन यह व्यवस्था भी अपर्याप्त है। सवाल यह है कि जब इतने सारे संसाधन मौजूद हैं, तो पानी की कमी क्यों? क्या नगरपालिका के पास कोई योजना नहीं, या फिर वह जनता की पीड़ा को नजरअंदाज कर रही है?
समय आ गया है जवाबदेही तय करने का
यह सिर्फ एक मौसमी समस्या नहीं, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता का परिणाम है। नगरपालिका को तुरंत सभी RO प्लांट चालू करने होंगे, जल स्रोतों का रखरखाव सुनिश्चित करना होगा और टैंकरों की व्यवस्था को पारदर्शी बनाना होगा। साथ ही, भूजल स्तर को बचाने के लिए जल संरक्षण अभियान चलाने की जरूरत है। अगर अभी भी नहीं चेते, तो आने वाले दिनों में स्थिति और भयावह हो सकती है।
अंत में, सवाल यही है कि क्या नगरपालिका जनता की प्यास बुझाने के लिए जागेगी, या फिर यह संकट और गहराता रहेगा? जनता का धैर्य जवाब दे रहा है, और अब वक्त आ गया है कि अधिकारी अपनी नींद से जागें।