Chandrapur 12th Class results 2025 पिछले साल की तुलना में इस साल चंद्रपूर जिले का 12वीं बोर्ड का रिजल्ट 4.72% गिर गया है। पिछले साल 93.89% नतीजे के मुकाबले इस बार 89.17% ही रहा। हालांकि, हर साल की तरह इस बार भी लड़कियों ने लड़कों को पछाड़ते हुए 92.74% के साथ बेहतर प्रदर्शन किया, जबकि लड़कों का रिजल्ट 85.69% रहा।
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परीक्षा का विस्तृत विवरण
कुल नामांकन: 27,380 (लड़के: 13,883, लड़कियाँ: 13,497)
परीक्षा देने वाले: 27,191 (लड़के: 13,768, लड़कियाँ: 13,423)
उत्तीर्ण विद्यार्थी: 24,247 (लड़के: 11,798, लड़कियाँ: 12,449)
जिले का कुल रिजल्ट: 89.17%
शाखावार प्रदर्शन
विज्ञान (Science) – 97.88%
नामांकन: 12,383 (लड़के: 5,793, लड़कियाँ: 6,590)
परीक्षार्थी: 12,354 (लड़के: 5,777, लड़कियाँ: 6,577)
उत्तीर्ण: 12,093 (लड़के: 5,623, लड़कियाँ: 6,470)
लड़कियों का रिजल्ट: 98.37%
लड़कों का रिजल्ट: 97.33%
कला (Arts) – 80.25%
नामांकन: 12,108 (लड़के: 6,342, लड़कियाँ: 5,766)
परीक्षार्थी: 11,978 (लड़के: 6,262, लड़कियाँ: 5,716)
उत्तीर्ण: 9,613 (लड़के: 4,690, लड़कियाँ: 4,923)
लड़कियों का रिजल्ट: 86.12%
लड़कों का रिजल्ट: 74.89%
वाणिज्य (Commerce) – 92.51%
नामांकन: 1,922 (लड़के: 987, लड़कियाँ: 935)
परीक्षार्थी: 1,911 (लड़के: 980, लड़कियाँ: 931)
उत्तीर्ण: 1,768 (लड़के: 883, लड़कियाँ: 885)
लड़कियों का रिजल्ट: 95.05%
लड़कों का रिजल्ट: 90.10%
एमसीव्हीसी (MCVC) – 81.73%
नामांकन: 995 (लड़के: 751, लड़कियाँ: 204)
परीक्षार्थी: 936 (लड़के: 739, लड़कियाँ: 197)
उत्तीर्ण: 765 (लड़के: 596, लड़कियाँ: 169)
लड़कियों का रिजल्ट: 85.78%
लड़कों का रिजल्ट: 80.64%
तालुका रिजल्ट
राजुरा: 95.49% (टॉप)
कोरपना: 93.55%
चंद्रपूर: 93.67%
जिवती: 93.69%
सिंदेवाही: 80.85% (सबसे कम)
बल्लारपूर 90.5
भद्रावती 73.92
ब्रह्मपुरी 91.28
चिमूर 68.73
गोंडपिपरी 92.39
मूल 84.92
नागभीड 85.87
पोंभुर्णा 90.87
सावली 93.65
वरोरा 90.38
नागपूर बोर्ड में चंद्रपूर का स्थान
नागपूर बोर्ड के तहत चंद्रपूर जिला तीसरे स्थान पर रहा, जबकि:
1. गोंदिया: 94.04%
2. नागपूर: 93.40%
3. चंद्रपूर: 89.17%
4. वर्धा: 87.77%
5. भंडारा: 87.56%
6. गडचिरोली: 81.77% (सबसे निचले पायदान पर)
इस साल चंद्रपूर जिले का रिजल्ट पिछले साल से कमजोर रहा, लेकिन लड़कियों ने हर शाखा में लड़कों से बेहतर प्रदर्शन कर अपनी मेहनत का परिचय दिया। विज्ञान शाखा ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जबकि कला शाखा में सुधार की गुंजाइश बनी हुई है।