MBBS के तीन होनहार छात्रों की वैनगंगा नदी में डूबकर मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा शनिवार की शाम करीब 5 बजे चंद्रपूर-गडचिरोली महामार्ग पर सावली तालुका के व्याहाड बुज गांव के पास हुआ। रविवार को पुलिस ने तीनों छात्रों के शव बरामद कर लिए हैं। मरने वाले छात्रों की पहचान गोपालगणेश साखरे (20 वर्ष, निवासी चिखली, जिला बुलढाणा), पार्थ बालासहेब जाधव (20 वर्ष, निवासी शिर्डी, जिला अहमदनगर), और स्वप्निल उद्धवसिंग शिरे (20 वर्ष, निवासी छत्रपति संभाजीनगर) के रूप में हुई है। तीनों गडचिरोली के शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय (सरकारी मेडिकल कॉलेज) में प्रथम वर्ष के छात्र थे।
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कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के मुताबिक, शनिवार को ये छात्र सावली तालुका स्थित वैनगंगा नदी के पुल के नीचे दोस्तों के साथ खेलने और नहाने के लिए गए थे। पहले तो सभी ने साथ मिलकर वॉलीबॉल खेला, लेकिन खेलते-खेलते बॉल नदी में चली गई। जब बॉल को निकालने के लिए तीनों छात्र नदी में उतरे, तो तेज बहाव और गहराई का अंदाज़ा न लग पाने के कारण वे अचानक डूबने लगे और देखते ही देखते लापता हो गए। साथ मौजूद अन्य छात्रों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। सावली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन अंधेरा होने के कारण अभियान रोकना पड़ा। रविवार सुबह फिर से तलाशी अभियान शुरू किया गया, जिसमें कुछ ही घंटों में तीनों छात्रों के शव बरामद हुए। शवों को सावली ग्रामीण अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
गरीब परिवारों से थे छात्र, गांवों में छाया मातम
तीनों छात्र बेहद साधारण और गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते थे। उनके निधन से उनके गांवों में मातम पसरा हुआ है और परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। डॉक्टर बनने का सपना लिए ये छात्र भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे थे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
विजय वडेट्टीवार ने की मुलाकात, दिया सहायता का आश्वासन
राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व विरोधी पक्षनेता विजय वडेट्टीवार को जैसे ही इस दुर्घटना की जानकारी मिली, वे तुरंत पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे। उन्होंने मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी और मुख्यमंत्री सहायता निधि से आर्थिक सहायता दिलवाने का भरोसा दिलाया।
यह हृदयविदारक घटना न केवल संबंधित परिवारों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरा आघात है। सवाल यह भी उठता है कि क्या इस पुल के नीचे नहाने की अनुमति थी और क्या प्रशासन ने इस क्षेत्र में सुरक्षा इंतज़ाम किए थे? अब यह हादसा प्रशासन की जिम्मेदारियों पर भी सवाल खड़े कर रहा है।