The government sanctioned ₹286 crores, but Chandrapur residents are still waiting for their promised discount in Tadoba Safari bookings. Here’s why.
राजनेताओं के वादाखिलाफी के वैसे तो अनेक किस्से बदनाम है, लेकिन चंद्रपुर जिले में 🔍जंगली जानवारों के हिंसा का शिकार होकर जान गंवाने वाले सैंकड़ों परिवार और भय में जीने वाले लाखों नागरिकों के हित हवा-हवाई ही नजर आते हैं। 200 यूनिट मुफ्त बिजली का झूनझूना थमाने वाले चंद्रपुर के भाजपा विधायक किशोर जोरगेवार का एक और दावा जुमले में तब्दील होने जा रहा है। क्योंकि करीब 2 वर्ष पूर्व अर्थात 🔍अप्रैल 2023 में उन्होंने ताड़ोबा-अंधारी टाइगर प्रोजेक्ट में स्थानीय नागरिकों में मुफ्त सफारी अथवा विशेष छूट दिलाने की मांग को पूरजोर ढंग से उठाया था। मीडिया में सूर्खियां बंटोरी थी। अब तो वे मौजूदा वन मंत्री गणेश नाईक के साथ मंत्रालय में बगल वाली सीट पर बैठकर बैठकें ले रहे हैं। सफारी के लिए निधि आवंटन के निर्देश दे रहे हैं। सरकार से ताड़ोबा सफारी के लिए जोरगेवार हाल ही में 286 करोड़ रुपये मंजूर कराने में कामयाब रहें, लेकिन स्थानीय नागरिकों से किये वादे को पूरा कराने में वे अब नाकाम ही साबित हो रहे हैं। यह एक गंभीर चिंता और चर्चा का विषय बनता जा रहा है।
286 करोड़ की बाघ सफारी परियोजना को महाराष्ट्र सरकार की मंजूरी
चंद्रपुर में 286 करोड़ रुपये की लागत से एक बाघ सफारी परियोजना को महाराष्ट्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस परियोजना का उद्देश्य चंद्रपुर को एक प्रमुख वन्यजीव पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना है। यह परियोजना 171 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली होगी और इसमें तीन अलग-अलग थीम वाले क्षेत्र होंगे। ऑस्ट्रेलियन ट्रेल, साउथ अमेरिकन ट्रेल और इंडियन ट्रेल। इस परियोजना के अलावा, चंद्रपुर में एक वन्यजीव बचाव केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। सरकार अगले पांच वर्षों में महाराष्ट्र जीन बैंक परियोजना की स्थापना के लिए 286 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जिसका उद्देश्य राज्य में आनुवंशिक जैव विविधता का संरक्षण करना है।
वन मंत्री से नजदीकियां, लेकिन विशेष छूट अधर में !
अभी हाल ही में महाराष्ट्र में वन मंत्री गणेश नाइक चंद्रपुर के दौरे पर आये और एक सम्मेलन तथा बैठकों का दौर निपटाकर चले गये। पश्चात स्थानीय विधायक किशोर जोरगेवार के प्रयासों से वन मंत्री नाइक ने मुंबई मंत्रालय में एक विशेष बैठक आयोजित की। इस बैठक में वन मंत्री के बगल वाली सीट पर विधायक जोरगेवार बैठे हुए देखे जा सकते हैं। वे मंत्रालय के अफसरों को दिशा-निर्देश देते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। इस दौरान चंद्रपुर में प्रस्तावित टाइगर सफारी परियोजना को गति देने के लिए वन मंत्री गणेश नाइक प्रयासरत दिखे। बैठक में जोरगेवार ने स्पष्ट रूप से कहा कि चंद्रपुर में पर्यटन के विकास और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार सृजन के लिए यह परियोजना बहुत आवश्यक है। उनके निर्देशों के अनुसार, संबंधित अधिकारियों को निधि वितरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए।
लेकिन हैरत की बात यह है कि चंद्रपुर वासियों को बीते 2 वर्षों से किये गये वादे को लेकर इस बैठक में कोई बड़ा फैसला नहीं लिया गया। 🔍ताड़ोबा सफारी में मुफ्त अथवा विशेष छूट की मांग, मानो धूमिल हो गई। इसके चलते जोरगेवार के वादाखिलाफी को लेकर अब चंद्रपुर जिले में चर्चा तूल पकड़ रही है। क्योंकि इधर, बाघ के हमलों के कारण मरने वाले नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जबकि जान गंवाने वाले ग्रामीणों और दहशत के साये में जीने वाले लाखों नागरिकों को बदले में सफारी की छूट नहीं दिया जाना, अब एक गंभीर चिंतन का विषय बना हुआ है।
