डेढ़ साल से पेंडिंग शिक्षक भर्ती घोटाला! कोरपना के प्रभू रामचंद्र विद्यालय में फर्जी नियुक्ति, पुलिस पर राजनीतिक दबाव का आरोप
गडचांदूर पुलिस ने 90 दिन की सीमा पार कर दी, न्यायालय में चार्जशीट दाखिल नहीं – शिक्षा विभाग और मंत्री तक मामला पहुँचा
शिक्षक भर्ती घोटाले की लपटें अब चंद्रपुर जिले के कोरपना तहसील के प्रभू रामचंद्र विद्यालय तक पहुँच चुकी हैं। एक डेढ़ साल पुराना मामला अब फिर चर्चा में है, जिसमें सहायक शिक्षिका पद पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति की गई थी। इस मामले में विद्यालय के मुख्याध्यापक एवं संस्था के सचिव अनिल मुसले और नियुक्त शिक्षिका योगिता चरणदास शेडमाके के खिलाफ गडचांदूर पुलिस थाने में 3 अक्टूबर 2023 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि अब तक पुलिस ने न्यायालय में दोषारोपत्र (चार्जशीट) दाखिल नहीं किया है, जबकि कानूनन एफआईआर के 90 दिनों के भीतर यह जरूरी होता है।
सूत्रों के अनुसार, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते पुलिस ने मामले को जानबूझकर ठंडे बस्ते में डाल दिया है। अब इस मामले पर प्रशासनिक और राजनीतिक मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह विद्यालय वंदनीय राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज बहुउद्देशीय मंडल द्वारा संचालित किया जाता है। संस्था के सचिव अनिल मुसले ने योगिता चरणदास शेडमाके को सहायक शिक्षिका पद पर नियुक्त किया, जिसके लिए बनावटी दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे। इस घोटाले की शिकायत कोरपना पंचायत समिति के प्रभारी गटशिक्षणाधिकारी सचिनकुमार मालवी ने दर्ज करवाई थी। इसके आधार पर एफआईआर तो दर्ज हो गई, लेकिन अब तक न्यायालय में केस आगे नहीं बढ़ पाया है।
मुख्याध्यापक पर अन्य आरोप भी गंभीर
मुख्याध्यापक अनिल मुसले पहले चंद्रपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में लिपिक पद पर कार्यरत थे। उन्होंने एक ही समय में बैंक और शैक्षणिक संस्था दोनों जगह से वेतन लिया, जिससे सरकारी धोखाधड़ी का नया एंगल सामने आया है, इस संबंध में शिक्षा विभाग ने संबंधित बैंक को पत्र भेजकर जानकारी मांगी है, और फिलहाल इस पर राज्य के शिक्षा मंत्री दादा भुसे की सुनवाई चल रही है।
जिला स्तर पर भी बोगस नियुक्तियों की भरमार
चंद्रपुर जिले में फर्जी शिक्षक भर्ती के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिससे शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। अब आम नागरिक और समाजसेवी संगठनों की मांग है कि ऐसे मामलों की गहराई से जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
इस बीच, गडचांदूर पुलिस उपनिरीक्षक तथा जांच अधिकारी प्रीतम पिंपलकर ने शिक्षणाधिकारी माध्यमिक को पत्र लिखकर योगिता शेडमाके की नियुक्ति की सत्यप्रति (प्रामाणिक दस्तावेज) तत्काल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
कोरपना तालुका का यह मामला केवल एक विद्यालय तक सीमित नहीं, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था में गहराई तक फैले भ्रष्टाचार की बानगी है। अगर समय रहते जांच और कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला राज्यव्यापी घोटाले का रूप ले सकता है।
