वारिस बना हत्यारा: चंद्रपुर के बिनबा वार्ड में पारिवारिक विवाद ने लिया खूनी मोड़
चंद्रपुर शहर के शांत माने जाने वाले बिनबा वार्ड में सोमवार 23 जून की रात एक रोंगटे खड़े कर देने वाली वारदात सामने आई है। खेती की जमीन के पुराने विवाद को लेकर बेटे ने अपने ही पिता की बेरहमी से हत्या कर दी। आरोप है कि शराब के नशे में धुत बेटे ने धारदार हथियार से पिता के चेहरे, सिर और शरीर पर ताबड़तोड़ वार कर उन्हें मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया।
मृतक की पहचान ताराचंद उर्फ दारासिंग बाबुसिंग बैस (62 वर्ष) के रूप में हुई है, जिनका मूल निवास वरोरा तहसील के मोवाडा गांव में है। बताया गया कि उनके नाम पर पुश्तैनी खेती की जमीन थी, जिसे लेकर अक्सर उनका बेटा मुन्ना उर्फ संग्रामसिंग बैस (30 वर्ष) घर में विवाद करता था।
सूत्रों के अनुसार, घटना की रात यानी 23 जून को आरोपी शराब पीकर घर आया और खेती के पुराने विवाद को लेकर बहस करने लगा। बहस इतनी बढ़ गई कि उसने घर में रखे धारदार हथियार से अपने पिता पर हमला कर दिया। सिर, मुंह और शरीर के अन्य हिस्सों पर बर्बरतापूर्वक वार किए गए, जिससे ताराचंद बैस की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना की जानकारी मिलते ही चंद्रपुर शहर पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा कर उसे पोस्टमार्टम के लिए सामान्य अस्पताल भेजा गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपराध क्रमांक 434/2025 के तहत भादंवि की धारा 103(1) के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है।
इस जघन्य हत्याकांड की जांच अपर पुलिस अधीक्षक रिना जनबंधू और नओमी साटम, उपविभागीय अधिकारी चंद्रपुर के मार्गदर्शन में की जा रही है। जांच का नेतृत्व पोलीस निरीक्षक निशिकांत रामटेके कर रहे हैं, जिनकी सहायता सहायक निरीक्षक राजेंद्र सोनवणे व चंद्रपुर शहर थाना दल कर रहा है।
यह घटना केवल एक हत्या नहीं, बल्कि एक सामाजिक त्रासदी है, जो ग्रामीण भारत में बढ़ती पारिवारिक असहमति, संपत्ति विवाद और नशे की लत के खतरनाक संयोजन की ओर इशारा करती है। जमीन जैसे आर्थिक संसाधन अब सशक्तिकरण के बजाय टकराव का कारण बन रहे हैं।
चर्चा है कि यदि समय रहते पारिवारिक मनमुटावों को सुलझाया जाए और नशे की प्रवृत्ति पर रोक लगे, तो ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है। यह मामला प्रशासन और समाज दोनों के लिए चेतावनी है।
