चंद्रपुर जिले में 50,000 से अधिक ठेका श्रमिक बिना पंजीकरण के काम कर रहे हैं, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा। विधायक किशोर जोरगेवार ने यह मामला विधिमंडल में उठाया और श्रमिक मंत्री से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
चंद्रपुर जिले में ठेका पर कार्यरत हजारों श्रमिकों की समस्याओं को लेकर आज विधिमंडल में गंभीर चर्चा हुई। जिले में इस समय 50,000 से अधिक ठेका आधारित श्रमिक कार्यरत हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में सुरक्षा रक्षक भी शामिल हैं। लेकिन इन श्रमिकों की न पंजीकरण हो रहा है और न ही उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है।
विधायक किशोर जोरगेवार ने बताया कि भले ही कई औद्योगिक संस्थानों ने अपने सुरक्षा रक्षकों की जानकारी विभाग को दी हो, लेकिन श्रम विभाग की उदासीनता के कारण यह श्रमिक पंजीकृत नहीं हो पा रहे हैं। इससे न केवल श्रमिकों का अधिकार छीना जा रहा है, बल्कि औद्योगिक संस्थानों को भी आवश्यक मानव संसाधन नहीं मिल पा रहा है।
विधायक किशोर जोरगेवार ने यह मुद्दा विधानसभा में उठाते हुए श्रम मंत्री आकाश फुंडकर से आग्रह किया कि वे चंद्रपुर जिले का दौरा करें और वहां के स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इस गंभीर समस्या का समाधान करें।
इस पर जवाब देते हुए मंत्री ने आश्वस्त किया कि चंद्रपुर जिले की श्रमिक समस्याओं को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने सुरक्षा रक्षक श्रमिकों के तत्काल पंजीकरण और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।
यह मामला श्रमिकों की उपेक्षा और प्रशासनिक लापरवाही की गंभीर तस्वीर पेश करता है, जो महाराष्ट्र जैसे औद्योगिक राज्य के लिए चिंता का विषय है।
