CDCC अर्थात चंद्रपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक का चुनाव खिंचतान और रस्साकसी के उफान पर पहुंच चुका है। फिलहाल स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है और आगे के घटनाक्रम यह तय करेंगे कि जिला बैंक का अध्यक्ष पद किसके हाथ में जाएगा। सभी की निगाहें संभावित समर्थन और उलटफेर पर टिकी हैं। संचालक पद के चुनाव परिणामों के बाद अध्यक्ष पद को लेकर दोनों प्रमुख दलों अर्थात कांग्रेस और भाजपा में जबरदस्त रस्साकसी शुरू हो गई है। एक ओर कांग्रेस ने 12 संचालकों के समर्थन का दावा पेश किया है, वहीं दूसरी ओर भाजपा ने 14 संचालकों को अपने साथ होने की बात कहकर राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है। कभी कांग्रेस के साथ नजर आने वाले अब भाजपा खेमे में दिख रहे हैं तो कभी भाजपा के खेमे में नजर आने वाले अब कांग्रेस के गुट में नजर आने लगे हैं। सर्वत्र भ्रम की स्थिति है। इसका मुख्य कारण यह है कि कुछ संचालक दोनों दलों की लिस्ट में चमक रहे हैं। इसलिए कहा जा रहा है कि यह संचालक बने हैं या संभ्रम चालक!
भाजपा विधायक किशोर जोरगेवार ने दावा किया है कि विधायक बंटी भांगड़िया के नेतृत्व में भाजपा के 11 संचालक निर्वाचित हुए हैं और तीन अन्य संचालक भाजपा समर्थक हैं। उन्होंने जिन नामों का उल्लेख किया उनमें सुदर्शन निमकर, संजय डोंगरे, नंदा अल्लूरवार, गजानन पाथोड़े, यशवंत दिघोरे, उल्हास करपे, ललित मोटघरे, आवेश पठान, गणेश तरवेकर, रोहित बोम्मावार और निशिकांत बोरकर शामिल हैं। हालांकि उन्होंने केवल 11 नामों का उल्लेख किया और तीन समर्थक संचालकों के नाम स्पष्ट नहीं किए।
इस दावे के बीच कांग्रेस खेमे में भी सक्रियता बढ़ गई है। पार्टी की ओर से दावा किया गया कि उनके साथ 12 संचालक हैं और जिनमें से कई ने उनका समर्थन जताया है। दिलचस्प बात यह है कि भाजपा और कांग्रेस, दोनों की सूचियों में दो नाम अर्थात उल्हास करपे और ललित मोटघरे, साझा रूप से दर्ज हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि समीकरण अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं और दोनों पक्षों की रणनीति जारी है।
चंद्रपुर स्थित जनसंपर्क कार्यालय में विधायक किशोर जोरगेवार ने भाजपा समर्थित संचालकों का अभिनंदन किया और विश्वास जताया कि यह सफलता जिला बैंक में नए राजनीतिक समीकरणों का सूत्रपात करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि रवि शिंदे, जयंता टेंभुर्डे और एक अन्य संचालक भी भाजपा के समर्थन में हैं।
एक वोट से तय हुआ भाग्य
चंद्रपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक (CDCC Bank) के बहुचर्चित चुनावों में जबरदस्त सियासी टकराव देखने को मिला। मतदान के अंतिम चरण में कुछ परिणाम इतने करीबी रहे कि जीत-हार का अंतर महज एक या दो वोटों तक सीमित रहा, तो कहीं मामला ईश्वरचिठ्ठी (ड्रॉ के जरिए चयन) तक पहुंच गया।
चंद्रपुर तालुका ‘अ’ गट – एक वोट से रोमांचक जीत:
इस सीट पर कांग्रेस समर्थित दिनेश चोखारे ने सुभाष रघाताटे को सिर्फ एक वोट से पराजित कर सनसनी फैला दी। चोखारे को 15 वोट तो रघाताटे को 14 वोट मिले।
राजुरा ‘अ’ गट – ईश्वरचिठ्ठी ने किया फैसला:
भाजपा के पूर्व विधायक सुदर्शन निमकर और उनके प्रतिद्वंदी नागेश्वर ठेंगणे को बराबर 12-12 वोट मिले। परिणाम तय करने के लिए ईश्वरचिठ्ठी का सहारा लिया गया, जिसमें निमकर विजयी घोषित हुए।
ओबीसी गट – वोट दर वोट की जंग:
इस गट में गजानन पाथोडे को कांटे की टक्कर में 300 वोट मिले, जबकि श्यामकांत थेरे को 298 वोट। थेरे ने मतगणना दोहराने की मांग की, जिसमें एक वैध व एक अवैध मत जुड़ा। अंततः पाथोडे की जीत सिर्फ दो वोटों से हुई।
अन्य परिणाम – भारी मतों से जीत:
- ब गट 2 – रोहित बोम्मावार ने 213 वोट लेकर बड़ी जीत दर्ज की।
- एसटीव्हीजेएनटी गट – यशवंत दिघोरे को 372 वोट, जबकि प्रतिद्वंदी दामोदर रूयारकर को 266 वोट मिले।
- एससी गट – ललित मोटघरे ने 532 वोटों से शानदार जीत दर्ज की।
वरोरा, सिंदेवाही, कोरपना – कांग्रेस को बढ़त:
वरोरा ‘अ’ गट में जयंत टेमुर्डे ने पूर्व संचालक डॉ. विजय देवतळे को हराया।
सिंदेवाही ‘अ’ गट में निशिकांत बोरकर और कोरपना में विजय बावणे विजयी रहे।
राजनीतिक समीकरण और दावे:
कुल 21 संचालकों में से 13 पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके थे, जिनमें कांग्रेस की सांसद प्रतिभा धानोरकर, नंदा अल्लूरवार, विजय बावणे जैसे नाम शामिल हैं। बाकी 8 पदों के लिए 10 जुलाई को मतदान हुआ, जिसकी गिनती 11 जुलाई को चांदा इंडस्ट्रियल सोसायटी में शुरू हुई।
भाजपा और कांग्रेस दोनों का दावा:
चुनाव के बाद दोनों दलों ने बहुमत का दावा किया। कांग्रेस की ओर से सांसद प्रतिभा धानोरकर और विधायक विजय वडेट्टीवार ने अपने विजयी उम्मीदवारों को बधाई दी। वहीं भाजपा नेताओं कीर्तीकुमार भांगडिया और किशोर जोरगेवार ने भी अपने विजेताओं का अभिनंदन किया।
चंद्रपुर CDCC बैंक के इस चुनाव ने यह स्पष्ट कर दिया कि स्थानीय सहकारी राजनीति में भी लोकतंत्र की सूक्ष्मतम शक्ति – “एक वोट” – कितना निर्णायक हो सकता है। ईश्वरचिठ्ठी जैसी प्रक्रिया से परिणाम तय होना बताता है कि हर मतदाता की भागीदारी कितनी अहम है।
यह चुनाव केवल एक बैंक के संचालक पद की लड़ाई नहीं थी, बल्कि भाजपा और कांग्रेस के बीच ग्रामीण स्तर पर सत्ता की पकड़ का टेस्ट मैच भी था।
News Title: Chandrapur CDCC Bank: Claims and Counterclaims, a Tug of War… Director or Just a Confusion Creator? Featured in Both Congress and BJP Lists!
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