चंद्रपुर जिले की राजनीति में मंगलवार, 22 जुलाई 2025, को एक ऐतिहासिक मोड़ आने वाला है। CDCC Bank मध्यवर्ती सहकारी बैंक के अध्यक्ष पद पर पहली बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) का वर्चस्व स्थापित होने जा रहा है। बैंक के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब किसी भाजपा नेता को यह प्रतिष्ठित जिम्मेदारी मिलेगी।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेता रविंद्र शिंदे को अध्यक्ष और संजय डोंगरे को उपाध्यक्ष बनाए जाने की पूरी संभावना है। भाजपा के पास बैंक के संचालक मंडल में स्पष्ट बहुमत है, और कोई मजबूत विपक्षी दावेदार सामने न होने से इन दोनों की ताजपोशी लगभग तय मानी जा रही है।
कैसे बदला पूरा समीकरण?
इस बार का संचालक चुनाव खासा हाई-प्रोफाइल रहा। सांसद प्रतिभा धानोरकर और कई विधायकों ने नामांकन दाखिल कर यह साबित किया कि दांव बड़ा है। हालांकि, धानोरकर निर्विरोध चुनी गईं और अन्य प्रमुख दावेदार मैदान से हट गए।
वहीं, 21 संचालकों में से 9 भाजपा से हैं। भाजपा की ताकत उस वक्त और बढ़ गई जब शिवसेना (उद्धव गुट) के जिला प्रमुख रविंद्र शिंदे ने भाजपा का दामन थाम लिया। उनके साथ आए समर्थकों ने भाजपा की स्थिति मजबूत कर दी और कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
कांग्रेस की गुटबाज़ी बनी हार की वजह
कांग्रेस ने शुरुआत में भाजपा के साथ मिलकर संचालक चुनाव लड़ा और 13 सदस्य निर्विरोध चुने गए। लेकिन जल्द ही समीकरण बिगड़ने लगे। विधायक बंटी भांगडिया द्वारा कांग्रेस के सदस्यों को भाजपा में शामिल कराए जाने से कांग्रेस भीतर से टूट गई।
चुनाव की अंतिम घड़ी में कांग्रेस ने रणनीति के तहत अपने ही उम्मीदवारों को हराने का खेल खेला, लेकिन यह चाल उलटी पड़ गई और पार्टी की पूरी योजना धराशायी हो गई।
SIT जांच बनी गेम चेंजर
राज्य सरकार द्वारा घोषित नोकरभरती घोटाले की जांच के लिए गठित SIT (विशेष जांच दल) ने राजनीतिक समीकरणों को पलट दिया। जांच शुरू होते ही कांग्रेस समर्थक कई सदस्य पीछे हट गए, जिससे भाजपा के लिए रास्ता और साफ हो गया।
अदालत में चुनौती, लेकिन चुनाव तय?
हालांकि, एक व्यक्ति द्वारा अदालत में चुनाव को लेकर याचिका दायर की गई है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मंगलवार को चुनाव होता है या कानूनी प्रक्रिया के कारण टल जाता है। लेकिन यदि सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो भाजपा की ऐतिहासिक जीत तय मानी जा रही है।
चंद्रपुर की राजनीति में यह घटनाक्रम भाजपा के लिए मील का पत्थर है। कांग्रेस की आपसी खींचतान, गुटबाज़ी और निर्णयहीनता ने उसे हाशिये पर ला खड़ा किया है। वहीं भाजपा ने रणनीतिक रूप से सभी मोर्चों पर बढ़त बनाई। मंगलवार को होने वाली यह ताजपोशी न सिर्फ सहकारी बैंक की सत्ता पर कब्जे का संकेत है, बल्कि जिले में भाजपा के बढ़ते प्रभाव का प्रमाण भी।
